सत्रह साल से चिकित्सकों की बाट जोह रहा स्वास्थ्य केन्द्र

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स्वास्थ्य
(हरिद्वार) साल 2004 में वाजपेयी सरकार के वक्त राज्यसभा सदस्य सुषमा स्वराज ने अपनी सांसद निधि से देश में कई स्थानों पर उप स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण कराया था। इनमें एक स्वास्थ्य केंद्र जनपद हरिद्वार के विकासखंड बहादराबाद की विधानसभा ज्वालापुर के गांव गढ़ मीरपुर में भी निर्मित कराया गया था।
17 वर्ष पूर्व बना यह केंद्र अब जर्जर स्थिति में हो चुका है। विभाग इस केंद्र में आज तक कोई स्वास्थ्य कर्मी नहीं नियुक्त कर सका है। स्थिति यह है कि गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद गर्भवती महिलाओं को दूसरे गांव राजपुर  करीब 2 किलोमीटर पैदल चलकर टीकाकरण करवाने के लिए जाना पड़ता है।  मातृ एवं शिशु को भी टीकाकरण के लिए राजपुर या पूरनपुर जाना पड़ता है।
इस उप स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए पूर्व प्रधान स्व. कालूराम सैनी, पूर्व प्रधान राजेश देवी, मौजूदा प्रधान रीना सैनी तथा समाजसेवी गणपत सैनी ने भी कई बार लिखित रूप से स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है। आज तक किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी है। इस केंद्र पर चिकित्सक तो दूर एएनएम की भी नियुक्ति नहीं की गई। उप स्वास्थ्य केंद्र में दो चिकित्सक, फार्मासिस्ट, सफाईकर्मी और 6 स्वास्थ्य कर्मियों का स्टाफ नियुक्ति करने का प्रावधान है। प्रधान पति राजेश कुमार सैनी का कहना है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी और स्थानीय विधायक को भी पत्र लिखा है पर कुछ नहीं हुआ।

कोरोना महामारी ने हमारे देश की स्वास्थ्य सेवाओँ की सच्चाई सबसे सामने लाकर रख दी है। देश की राजधानी दिल्ली के स्वास्थ ढ़ाचें को इस बीमारी ने हिला कर रख दिया तो ऐसे में उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों के सामने क्या चुनौतियां हो सकती हैं इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नही है। बहरहाल अगर शासन और प्रशासन स्तर से गढ़ मीरपुर में वीरान पड़े स्वास्थ्य केंद्रों का जीर्णोद्धार किया जाये तो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमें काफी मदद मिल सकती है।