मिसाल: रुद्रप्रयाग के छात्रों को अपनी मंज़िल तक पहुंचाने में मील का पत्थर साबित होगा डीएम का “लक्ष्य”

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अपने काम करने के अनोखे तरीकों से सुर्खियों में रहने वाले रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश धिल्डियाल एक बार फिर सुर्खियों मे हैं। इस बार मंगेश ने ज़िले में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिये तकनीक का इस्तेमाल किया है। उनकी इस कोशिश ने “लक्ष्य” नाम के ऐप्प का रूप लिया है। इस एप्प में जिले के क्लास 1 से 8 तक के छात्रों की शिक्षा प्रगति को नापने के लिये सभी विषयों के लिंक बनाये गये हैं। इन मनाकों पर छात्रों की प्रगति को सभी टीचर हर महीने इस एप्प में अपलोड करते हैं। इस डाटा को जिला स्तर पर एक साथ मोनीटर किया जा सकता है। हर महीने जिलाधिकारी की अध्यक्षता में इस एप्प पर आये डाटा की समीक्षा की जाती है। खास बात ये है कि इस एप्प पर न केवल छात्रों की बल्कि स्कूलों की परफॉर्मेंस को भी मॉनिटर किया जाता है।

शिक्षा में तकनीक के इस प्रयोग के बारे में डीएम मंगेश घिल्डियाल कहते हैं कि, “इस कवायद के पीछ मकसद था कि तकनीक के इस्तेमाल से हम ज़िले के सभी स्कूलों का सही तरह से आंकलन कर सके।क्लास 1 से 8 के छात्रों की प्रगति को मॉनिटर करने में ये एप्प काफी मददगार साबित होगी। इससे न केवल छात्र बल्कि टीचरों के भी पढ़ाई के तरीको का आंकलन आसानी से किया जा सकेगा।” 

lakshya

इस मोबाइल एप्प में फिलहाल ज़िले के सभी 548 प्राथमिक स्कूलों, 157 उच्च प्राथमिक स्कूलों के करीब 18000 बच्चों को जोड़ा जा चुका है। अच्छा प्रदर्शन करने वाले टीचरों के वीडियो को इस एप्प पर अपलोड किया जाता है जिससे और टीचर भी इन्हें देखकर उन तरीकों को अपने स्कूलों में ढाल सके। इसके साथ ही जिले के 112 अधिकारियों ने एक-एक राजकीय स्कूल को गोद लिया है, इसके चलते ये अधिकारी अपने-अपने स्कूलों के विकास और वहां की ज़रूरतों पर लगातार नज़र रखते हैं।

इस एप्प के ज़रिये कक्षा 5 के बच्चों के लिये नवोदय स्कूलों में प्रवेश परीक्षा के लिये मॉक टेस्ट भी लिये जा रहे हैं। कक्षा 11 और 12 के छात्रों के लिये मेडिकल, इंजीनियरिंग और सिविल सेवाओं की प्रवेश परीक्षाओं के लिये भी ऑफलाइन कोचिंग की व्यवस्था की गई है। इसके तहत रोज़ाना 8-10 बजे तक जिले के अधिकारी जैसे कि जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, एआरटीओ ऐदि बच्चों को अलग अलग विषयों की क्लास लेते हैं।

ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इस मुहिम को पहुंचाने के लिये एक वीडियो भी तैयार किया गया है। इसे पांडवाज ग्रुप ने खास अपने अंदाज़ में बनाया है, खास बात ये है कि इस वीडियो को बनाने में सिर्फ 2-3 दिन लगे।

डीएम घिल्डियाल की पहल छोटी लेकिन अनूठी है। इसमें जिस तरह से ज़िले के अन्य अधिकारियों का सहयोग मिल रहा है वो भी काबिले तारीफ है। ऐसे में ये कहना गलत नही होगा कि जिला प्रशासन ने अपने संयुक्त प्रयासों से जहां चाह वहा राह की कहावत को सच कर दिखाया है।

वीडियो सौजन्य: “पांडवाज़”