भारी वर्षा और भूस्खलन के कारण उत्तराखंड में स्थिति गंभीर है। उत्तराखंड आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष का मानना है कि प्रदेश भर में कई बड़े राजमार्ग और ग्रामीण मार्गों को मिलाकर कुल 98 सड़कें बंद हैं, जिन्हें खोलने का काम जारी है और शीघ्र ही खोल दिया जाएगा।
आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारी वर्षा के कारण कई राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित है। राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष ने सोमवार को 11 बजे जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में 98 छोटे-बड़े मार्ग बंद हैं, जिनको खोलने का काम जारी है। इन मार्गों में प्रदेश की कई सड़कें पहाड़ को जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग भी शामिल है। नियंत्रण कक्ष के अनुसार कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़ जिले में 5 बॉर्डर रोड और 10 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं। बादल फटने के चलते 7 लोग लापता हैं। बागेश्वर जनपद में एक स्टेट हाइवे, एक जिला और 16 ग्रामीण मोटर मार्ग यातायात के लिए नहीं खोले जा सके हैं। इसी प्रकार नैनीताल के 6 ग्रामीण मोटर मार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध हैं। अल्मोड़ा जनपद के 2 जिला मार्ग इसी श्रेणी में शामिल हैं, जिन्हें खोलने का काम चल रहा है। टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग 9 स्वाला के पास भूस्खलन के चलते बंद है। साथ ही 4 ग्रामीण मोटर मार्ग भी अवरुद्ध हैं।
गढ़वाल के उत्तरकाशी में राष्ट्रीय राजमार्ग 123 हरबर्टपुर बड़कोट जूडो नामक स्थान पर अवरुद्ध है। दो ग्रामीण मोटर मार्ग भी अवरुद्ध हैं। देहरादून का ऋषिकेश-देहरादून राज्यमार्ग रानीपोखरी पुल टूटने के कारण बंद है जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग-123 हरबर्टपुर-बड़कोट अलग-अलग तीन जगहों पर अवरुद्ध है। जिले में 1 मुख्य जिला मार्ग और 5 ग्रामीण मार्ग यातायात के लिए बंद हैं। चमोली में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 07 पीपलकोटी के पास भनेरपानी और पागलनाले में मलबा आने से रुका है, जिससे वाहनों की लंबी कतारें दोनों तरफ लग गई है। चमोली जिले में 23 ग्रामीण मोटर मार्ग भी यातायात के लिए अवरुद्ध हैं।
पौड़ी जिले में 2 मुख्य जिला मार्ग और 8 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं। टिहरी जिले में ऋषिकेश से श्रीनगर-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग -58 तोताघाटी के पास मलबा आने के कारण रोका गया है। वैकल्पिक मार्ग ऋषिकेश कोटद्वार पौड़ी श्रीनगर होते हुए उपलब्ध कराया गया है। जिले में 06 अन्य ग्रामीण मोटर मार्ग भी बंद हैं, जिन्हें खोलने की कोशिश की जा रही है।