जून महीने में होने वाले आदि कैलाश ट्रेक के लिये अब तक 450 के करीब ट्रेकर्स ने रेजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। आदि कैलाश ट्रेक जून के महीने में कैलाश मानसरोवर यात्रा के साथ कराया जाता है। इस बारे में बताते हुए केएमवीएन के जेनरल मौनेजर टीएस मर्तोलिया ने कहा कि “ये पहला मौका है कि आदि कैलाश ट्रेक के लिये 450 लोगों ने रेजिस्ट्रेशन करा लिया है।इसके साथ साथ हमारे पास पिंडारी और सुंदरधूंगा ग्लेशियर के लिये भी अच्छी संख्या में लोग आ रहे हैं।इन दोनो ही जगहों से करीब 124 लोग ट्रेक करके वापस भी आ चुके हैं।”
पिथौरागढ़ जिले के व्यास दर्रे में मौजूद है आदि कैलाश ट्रेक। आदि कैलाश और मानसरोवर यात्रा में काफी समानताऐं हैं। आदि कैलाश को छोटा कैलाश और मानसरोवर को बड़ा कैलाश के रूप में जाना जाता है। दोनों ही जगहों की यात्रा जून में शुरू होकर सितंबर में खत्म होती हैं।60 लोगों के 16 बैचों को ही यात्रा पर जाने के लिये इजाजत मिलती है। ये दोनों ही यात्राऐं कुमाऊं मंडल विकास निगम करवाता है। आदि कैलाश का सारा य़ात्रा मार्ग पिथौरागढ़ जिले में पड़ता है।
आदि कैलाश ट्रेक के लिये लोगों के उत्साह को देखकर अब केएमवीएन को उम्मीद है कि इस इलाके में पड़ने वाले मिलम ग्लेशियर और पंचचुली बेस कैंप ट्रेक के लिये आने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा होगा। केएमवीएन के अनुसार इन दोनों ट्रेकों के लिये उनके पास भारतीय सेना के साथ साथ कई और संस्थाओं से जानकारी के लिये संपर्क हुआ है।