मुंबई, चुनावों के मौसम में अलग अलग राजनैतिक पार्टियों में फिल्मी सितारों का आना अब एक आम बात होती जा रही है। इन चुनावों में जहां कांग्रेस पार्टी में रंगीली कन्या उर्मिला का रंग चढ़ा, तो भारतीय जनता पार्टी को इन चुनावों के लिए सनी का ढाई किलो का हाथ मिल गया। दोनों ही सितारों को पार्टी ने चुनावी दंगल में भी उतार दिया। सनी को पाकर गद गद होने वाले भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की ये खुशी और अधिक बढ़ सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
अगर सब कुछ सही हो जाता, तो बालीवुड के एक और सितारे भाजपा की महफिल में जमा हो चुके होते। ये सितारे हैं आदित्य पंचोली, जिनको बालीवुड के बिगड़ैल सितारों की लिस्ट में जगह मिलती है। आदित्य पंचोली की अपनी फिल्मी पारी काफी पहले तहस-नहस हो चुकी है। बाकी कसर उनके झगड़ालू रवैये ने पूरी कर दी। एक तरह से फिल्मों और फिल्मी खबरों से दूर आदित्य पंचोली ने भी इन चुनावों से पहले भाजपा में शामिल होकर देश की सेवा करने के लिए चक्कर तो बहुत चलाया था, लेकिन बात कहीं जमी नहीं।
ये मामला उस वक्त का है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जिंदगी पर बनने वाली फिल्म शुरु हुई थी। इस फिल्म में मोदी की मां हीराबेन के किरदार के लिए जरीना वहाब का चयन हुआ था, जो रिश्ते में आदित्य पंचोली की पत्नी होती हैं। मोदी की फिल्म को लेकर जब मीटिंगों का दौर चला, तो कुछ ऐसे लोग भी आए, जिनका दावा था कि उनकी भाजपा में बहुत पंहुच है। एक ऐसी ही मीटिंग में जब फिल्मी सितारों की राजनैतिक पारियों के जरिए देशसेवा को लेकर चर्चा होने लगी, तो वहां मौजूद आदित्य पंचोली को ये मामला दिलचस्प लगा।
आदित्य पंचोली ने स्टार की तरह पार्टी में शामिल होने की एवज में मोटी फीस की मांग की। फिर उन्होंने मांग की कि वे चुनावों में पार्टी का प्रचार करेंगे, लेकिन खुद चुनाव नहीं लड़ेगे। पार्टी चाहे, तो वे बाद में राज्यसभा जाने के लिए तैयार हैं। फिर आदित्य पंचोली ये गारंटी चाहते थे कि पार्टी मंबई में उनके कुछ दोस्तों के सरकारी काम निपटाने में मदद करेगी और सबसे बड़ी बात कि पार्टी उनको फिल्म निर्माता बनने के लिए आर्थिक मदद देगी।
आदित्य के ये प्रवचन सुनकर भाजपा के करीब होने का दावा करने वाले अपनी भूल पर पछताने लगे और अपनी ही बात को बाद में मजाक बताने लगे, लेकिन आदित्य गंभीर थे और उन्होंने सचमुच भाजपा की सेवा करने के लिए दिल्ली पार्टी के मुख्यालय तक में संपर्क किया। आपको बाद में सूचित किया जाएगा के संदेश के साथ आदित्य पंचोली से मुक्ति पाई गई और आदित्य को समझ में नहीं आया कि उनके बर्ताव में ऐसा क्या है कि पार्टी ने उनको सेवा के योग्य नहीं समझा।