अतिक्रमण को हटाए जाने के लिए प्रशासन हुआ सक्रिय

0
514

ऋषिकेश। उत्तराखंड उच्च न्यायालय में दायर ऋषिकेश नगर में अतिक्रमण को लेकर जनहित याचिका पर दिए गए माननीय न्यायालय द्वारा अतिक्रमण को हटाए जाने के फैसले के अनुपालन में स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो गया है।
बुधवार से अतिक्रमण हटाने को लेकर दो प्लाटून पुलिसकर्मियों को बुला लिया गया। ज्ञात रहे कि उपजिलाधिकारी प्रेमलाल ने नेशनल हाईवे, नगर निगम, सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों सहित व्यापारियों की बैठक बुलाकर बुधवार से अतिक्रमण हटाए जाने का फरमान सुना दिया है। इसमें नेशनल हाईवे द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने से पूर्व 1937 के नक्शे के अनुरूप कार्य की जाने की बात कही, लेकिन व्यापारियों के विरोध के चलते उप जिलाधिकारी ने नेशनल हाईवे को छोड़कर नगर निगम सिंचाई विभाग तथा पीडब्ल्यूडी की सरकारी भूमि पर किए गए दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण को हटाए जाने की बात कही है। यहां यह भी बताते चलें कि आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गुप्ता द्वारा नगर में सरकारी भूमि पर 1137 अतिक्रमण होने की जानकारी उच्च न्यायालय को दी थी। जिस पर सितंबर में उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए अपने फैसले में कहा था कि तत्काल सरकारी भूमि पर दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटा दिया जाए। लेकिन नगर निगम के होने वाले चुनाव को देखते हुए सभी प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया था। जिसके बाद जिलाधिकारी ने नगर निगम के चुनाव में निपटते ही तत्काल घोषणा कर दी कि अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाकर इसे साफ किया जाए। इसे लेकर उप जिला अधिकारी प्रेमलाल ने अतिक्रमण हटाए जाने की कवायद प्रारंभ कर दी है।