मौसम के गड़बड़ाते मिजाज से सहमे यात्री

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बर्फबारी

ऋषिकेश, उत्तराखंड के बेईमान हुए मौसम के रूख से विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। गड़बड़ाते मौसम को देख तीर्थाटन पर आये यात्री सहमे हुए हैं। परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों की भी उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर आंधी, बारिश और ओलावृष्टि के बाद से हवाईयां उड़नी शुरू हो गई हैं।

यात्रा के मुख्य द्वार ऋषिकेश में एक बार फिर से मौजम का मिजाज करवट बदलता नजर आया। सुबह खिली धूप के बाद पूर्वाह्न 11 बजे हल्की हवाओं के साथ बूंदाबांदी शुरू हो गई लेकिन जल्द ही मौसम ने अचानक से फिर करवट बदल ली और बादलों के बीच से सूर्य देव निकल आये। गौरतलब है कि पिछले चार दिनों से मौसम का रूख गिरगिट की तरह रंग बदल रहा है। प्रदेश में चार धाम समेत पर्वतीय इलाकों मे कल देर शाम हल्की बारिश शुरू हो गई थी। देहरादून में कई क्षेत्रों में बारिश के साथ ओले भी पड़े, इससे तापमान में कमी आई है।

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक राज्य पहाड़ी क्षेत्रों में मामूली बारिश के आसार हैं बने हुए हैं।दिलचस्प यह भी है कि उत्तराखंड में मौसम का मिजाज कभी गरम कभी नरम वाला साबित हो रहा है। बुधवार और गुरुवार को आंधी-बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया था। विशेषकर कुमाऊं में आंधी से चार लोगों की जान चली गई थी। शुक्रवार को साफ रहा मौसम शनिवार को एक बार फिर बदल गया। सुबह से प्रदेश में चटख धूप रही, लेकिन दोपहर बाद एकाएक आसमान में बादल छा गए। शाम को गंगोत्री-यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ में बारिश शुरू हो गई, जबकि रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी के साथ ही टिहरी व पौड़ी में भी बूंदाबांदी हुई। समूचे उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदला हुआ है जिससे इस बार मई महीने में भी तेज गर्मी का अहसास अभी तक नहीं हो रहा है।

उधर, उत्तरकाशी जिले के कई इलाकों में बारिश एवं ओलावृष्टि जबकि चमोली एवं पौड़ी जिले में बारिश हुई। बदरीनाथ व गंगोत्री धामों में बारिश होने से श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। इन सबके बीच यात्रा के मुख्य द्वार ऋषिकेश में मौसम के बार बार रंग बदलने से विभिन्न प्रांतों से आए श्रद्धालुओं के साथ साथ परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों के माथे पर भी चिंता की लकीरें नजर आने लगी है।

बताते चलें कि केदारघाटी आपदा के बाद इस वर्ष जाकर यात्रा को लेकर काफी उम्मीद जगी हुई नजर आ रही थी। पटरी पर चल रही यात्रा पर मौसम के गड़बड़ाते मिजाज से हल्के ही सही पर खतरे के बादल तो मंडराने लगे ही हैं।