ऋषिकेश ऐम्स में कार्डियो फेसिलिटी बढ़ने से मिलने लगी बेहतर विश्वस्तरीय सुविधाएं

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एम्स

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स प्रशासन द्वारा संस्थान में हृदय संबंधी विभिन्न रोगों के लिए नई व एडवांस चिकित्सा सुविधा शुरू की है। संस्थान के कार्डियो विभाग की ओपीडी पूरे सप्ताह संचालित किए जाने व दो स्पेशल क्लिनिकों की शुरुआत करने से हृदय रोग से ग्रसित रोगियों को इसका लाभ मिल रहा है। एम्स प्रशासन के अनुसार इससे संस्थान में कार्डियो ग्रस्त रोगियों की संख्या में करीब 30 फीसदी का इजाफा हुआ है।

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि,” कार्डियो विभाग में स्पेशल क्लिनिक के तहत हृदय की गति संबंधी उपचार शुरू कर दिया गया है। उत्तराखंड में अब तक हृदय रोगियों के लिए उक्त सुविधाएं सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं थी,  संस्थान में स्थापित इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी क्लिनिक में एट्रियल फेविलेशन विधि से उपचार शुरू किया गया है। इसके अलावा वेंटिकुलर टेलीकार्डियो दिल के तेजी से धड़कने का उपचार भी इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी क्लिनिक में शुरू कर दिया गया है।”

कार्डियो विभाग के चिकित्सक डॉ. रोहित वालिया ने बताया कि, “मंगलवार व बृहस्पतिवार को संचालित होने वाली हार्ट रिद्म क्लिनिक में बीते दो माह में 20 से 25 रोगियों के आपरेशन सफलता पूर्वक किए जा चुके हैं। इसके अलावा विभाग में हार्ट फेलियर क्लिनिक ने भी कार्य करना शुरू कर दिया है। जिसमें कमजोर दिल, दिल में सूजन आदि बीमारियों का उपचार किया जा रहा है।  सोमवार व बुधवार को संचालित होने वाली उक्त स्पेशल क्लिनिक में कमजोर दिल के रोगियों का परीक्षण किया जाता है और इसके बाद एंजियोग्राफी, पेसमेकर, सीआरटी आदि के जरिए उनका उपचार किया जाता है।” उन्होंने बताया कि जिन रोगियों में पेसमेकर लगाया गया है उनकी इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी क्लिनिक में सोमवार व बुधवार को एम्स प्रशासन द्वारा निशुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।बताया गया कि निजी अस्पतालों के मुकाबले संस्थान में उक्त उपचार 40 फीसदी की रियायत पर उपलब्ध कराया जा रहा है।

बीमारियों के लक्षण एवं उपचार विधि
एम्स के कार्डियो विभाग के चिकित्सक डॉ. वालिया के अनुसार हार्ट रिद्म डिस्आर्डर से ग्रस्त मरीजों में दिल की तेज गति होना, आंखों के आगे अंधेरा छा जाना,मूर्छित हो जाना व अचानक मृत्यु हो जाना, पायरेलाइसिस हो जाना जबकि हार्ट फेलियर में सांस फूलना, शरीर में सूजन आना जैसे लक्षण पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान ऐसे रोगियों को पेसमेकर, आईसीडीसीआईटी,कार्डियक रिसिकाराइजेशन थैरेपी आदि उपचार सुविधा उपलब्ध करा रहा है।