नई दिल्ली, देश में दूरसंचार क्षेत्र की अग्रणी कंपनी भारती एयरटेल ने मंगलवार को अपने सितम्बर तिमाही के परिणामों की घोषणा 14 नवम्बर तक टाल दी है। सुनील मित्तल की अगुआई वाली कंपनी ने इस ममाले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार से कंपनी पर सांविधिक बकायों को लेकर कुछ बातें स्पष्ट करने को कहा है। साथ ही कंपनी ने अपने बकायों को लेकर सरकार से ‘समर्थन’ भी मांगा है।
शेयर बाजारों को आज भेजी सूचना में एयरटेल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के मद्देनजर एजीआर मामले में अभी चीजें और स्पष्ट करने की जरूरत है। इसी वजह से कंपनी प्रबंधन ने निदेशक मंडल से सिफारिश की है कि 30 सितम्बर,2019 को समाप्त तिमाही के अंकेक्षित वित्तीय नतीजों को मंजूरी 14 नवम्बर तक टाल दिया जाए। निदेशक मंडल ने प्रबंधन के इस सुझाव को मान लिया है।
एयरटेल ने अपने बयाना में कहा कि वह लगातार दूरसंचार विभाग से सम्पर्क में है ताकि एजीआर को लेकर कुल राशि की जानकारी प्राप्त कर सके। साथ ही, इस फैसले की वजह से पड़ने वाले प्रभावों से निपटने के लिए उसका सहयोग मांग सके। एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और अन्य दूरसंचार ऑपरेटरों को सुप्रीम कोर्ट के पिछले सप्ताह आये फैसले के मद्देनजर 1.42 लाख करोड़ रुपये चुकाने पड़ सकते हैं। दूरसंचार विभाग की गणना के अनुसार, भारती एयरटेल पर लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम प्रयोग शुल्क सहित कुल देनदारी करीब 42,000 करोड़ रुपये बैठेगी। वोडाफोन आइडिया को 40,000 करोड़ रुपये अदा करने होंगे, जबकि रिलायंस जियो को 14 करोड़ रुपये चुकाने होंगे।