मोदी मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री के रूप में शामिल किए नैनीताल के सांसद अजय भट्ट को 2016 के सत्ता संग्राम में योगदान का इनाम मिला है। हालांकि ये इनाम मिलने में देरी हुई है। भाजपा आलाकमान ने भट्ट को मंत्री बनाकर कुमाऊं से आने वाले कांग्रेस के दिग्गज हरीश रावत की मजबूत घेराबंदी की अपनी मंशा को जाहिर कर दी है।
-हरीश रावत की अगुवाई वाली सरकार को सत्ता से हटाने में की थी खूब मेहनत
-कुमाऊं में हरीश रावत की काट के लिए भाजपा ने अजय भट्ट को मंत्री बनाकर किया आगे
केंद्रीय मंत्रिमंडल में अब डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की जगह अजय भट्ट उत्तराखंड का चेहरा बन गए हैं। हालांकि उत्तराखंड की हिस्सेदारी में कैबिनेट की जगह राज्यमंत्री पद आना राज्य के लोगों को अखर भी रहा है। अब नजर इस बात पर टिक गई है कि भट्ट को कौन सा मंत्रालय दिया जाता है। अजय भट्ट के मंत्री बनने से अब कुमाऊं में खासतौर पर कांग्रेस की चुनौती बढ़ गई है, क्योंकि मुख्यमंत्री भी कुछ दिन पहले कुमाऊं से बनाकर पुष्कर सिंह धामी पर भरोसा किया गया है।
दरअसल अजय भट्ट ने 2016 के असाधारण सत्ता संग्राम में बहुत पसीना बहाया था। तत्कालीन हरीश रावत सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए उस वक्त भाजपा का पूरा केंद्रीय नेतृत्व जुट गया था। अजय भट्ट ने उस वक्त दोहरा मोर्चा संभाला। सदन में बतौर नेता प्रतिपक्ष और संगठन में अध्यक्ष रहते हुये अजय भट्ट ने पार्टी की अपेक्षाओं को पूरा किया। हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिले प्रचंड बहुमत के बीच वह खुद का चुनाव हार गये थे।
मगर भाजपा नेतृत्व को उनका योगदान याद रहा। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सिटिंग एमपी रहने के बावजूद भगत सिंह कोश्यारी जैसे दिग्गज का टिकट काटकर अजय भट्ट को मैदान पर उतारा गया। उनके मुकाबले में कांग्रेस के धुरंधर नेता हरीश रावत उतरे। हरीश रावत को चुनाव हराकर भट्ट ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। अब भट्ट को भाजपा ने उनकी मेहनत का इनाम दे दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का मानना है कि अजय भट्ट मंत्री के रूप में बेहतर काम करेंगे और उत्तराखंड के लिए उपयोगी साबित होंगे।