नैनीताल में आईएसओ-9000 प्रमाणित पेयजल उपलब्ध कराएगा जल संस्थान

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water facility is not very good in chardham yatra
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नैनीताल शहर उत्तराखंड का पहला ऐसा शहर बनने जा रहा है, जहां उत्तराखंड जल संस्थान घरों-होटलों में आईएसओ-9001 2015 प्रमाणित पेयजल की आपूर्ति करेगा। इसका लाभ नगरवासियों के साथ ही यहां आने वाले लाखों सैलानियों को भी मिलेगा। इससे यहां बोतलबंद पानी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी, ऐसा माना जा रहा है।

उत्तराखंड जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता विशाल कुमार सक्सेना ने बताया कि नैनीताल शहर उत्तराखंड का पहला ऐसा शहर होने जा रहा है, जहां जल संस्थान की पेयजल आपूर्ति पूरी तरह से आईएसओ-9001 2015 प्रमाणित होने जा रही है। इसके लिए नैनीताल जल संस्थान के कार्यालय के साथ यहां के पेयजल आपूर्ति के प्लांट को आईएसओ-9001 2015 प्रमाणित कराने जा रहा है। इसके लिए नगर में पेयजल आपूर्ति के लिए पहले से स्थापित आरओ प्लांट और सॉफ्टनिंग प्लांट को सुचारू किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि आईएसओ-9001 यानी इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर स्टैंडर्डाइजेशन एक अंतरराष्ट्रीय मानक है, जो विश्व के 160 से अधिक देशों के राष्ट्रीय मानक निकायों से बनी एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी है। आईएसओ 9001 का वर्तमान संस्करण सितंबर 2015 में जारी किया गया था जो गुणवत्ता को प्रमाणित करता है। इसीलिए इसे आईएसओ-9001 2015 कहा जाता है। यह पेयजल की क्यूएमएस यानी गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की आवश्यकताओं को निर्दिष्ट करता है। संगठन ग्राहकों और नियामक आवश्यकताओं को पूरा करने वाले उत्पादों और सेवाओं को लगातार प्रदान करने की क्षमता प्रदर्शित करने के लिए मानक का उपयोग करते हैं। यह आईएसओ 9000 श्रृंखला में सबसे लोकप्रिय मानक है।

जल संस्थान इस मानक को पूरा कर इसका प्रमाण पत्र प्राप्त करने का आवेदन-पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है।

अधीक्षण अभियंता सक्सेना ने बताया कि नैनीताल शहर की पेयजल आपूर्ति पहले से ही अत्याधुनिक प्रक्रिया से की जाती है। इसके तहत अंग्रेजी दौर से ही यहां शुद्ध पानी झील की जगह झील से करीब 100 मीटर दूर ‘रिवर बेड फिल्टरेशन’ की प्राकृतिक प्रक्रिया के तहत कुएं से लिया जाता है। इससे यहां का पानी प्राकृतिक तौर पर शुद्ध एवं मानव शरीर के लिए लाभप्रद मिनरल्स यानी खनिजों से युक्त है। केवल इस पानी में चूने की मात्रा अधिक है, जिसे दूर करने के लिए नगर के चिल्ड्रन पार्क, तल्लीताल व सूखाताल में 10, 3 व 2 यानी कुल 15 एमएलडी के सॉफ्टनिंग प्लांट व खनिजों को मानकों के तहत संयत करने के लिए 10 एमएलडी यानी मीट्रिक लीटर प्रति दिन क्षमता का आरओ प्लांट भी लगा हुआ है। इन्हें सुचारू किया जाएगा व आरओ प्लांट को नगर की पूरी पेयजल आपूर्ति 15 एमएलडी का बनाया जाएगा।

पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक निजी कंपनी को अधिग्रहण किया गया है। उन्होंने कहा कि एक माह के भीतर में यह सभी प्रक्रिया पूरी कर आईएसओ-9001 प्रमाण पत्र के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया कर दी जाएगी।