उत्तराखंड पुलिस की 22 महिला कमांडो एटीएस दस्ते में शामिल

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उत्तराखंड पुलिस की 22 महिला कमांडो बुधवार को 12 दिन के कठिन परिश्रम के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में आतंकवादी रोधी दस्ते (एटीएस) में शामिल हो गईं। देश में पहली बार एटीएस में महिला कमांडो शामिल की गई हैं। इनकी तैनाती अप्रैल में हरिद्वार कुंभ में की जाएगी।
पुलिस लाइन में महिला कमांडो फोर्स एवं स्मार्ट चीता पुलिस के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शामिल हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षकों और कमांडो निरीक्षक को सम्मानित किया। इनको शिफूजी शौर्य भारद्वाज ने प्रशिक्षण दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला कमांडो का प्रशिक्षण समाज को जागृत  करने की दिशा में बड़ा कदम है। स्मार्टनेस और विषय केंद्रित सोच के तरीके को अपने अंदर लाना होगा। सद्प्रेरणा और सद्संकल्प के साथ काम करना होगा। विद्या का समाज और आत्मरक्षा के लिए उपयोग करना जरूरी है। शत्रु को खत्म कर राष्ट्र की सुरक्षा करना महिला कमांडो का कर्तव्य  है।
उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध की अहिंसा परमो धर्म सोच को जीवन में उतारने से बदलाव लाया जा सकता है। इसलिए प्रचीन शास्त्र और बुध साहित्य को समझना होगा। मुख्यमंत्री ने महिला कमांडो और प्रशिक्षक को रात्रि भोज पर आमंत्रित किया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के रक्षा सलाहकार जेएस नेगी, विधायक बिनोद चमोली, गृह सचिव नितेश झा और डीजीपी अशोक कुमार मौजूद रहे।
कार्यक्रम में महिला कमांडो ने करतब दिखाए। मुख्यमंत्री ने साहसिक प्रदर्शन पर तालियां बजाकर हौसला अफजाई की। चीता पुलिस के लिए 147 महिला और पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण के लिए चयनित किया गया है।पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि एटीएस में पहली बार महिला कमांडो को शामिल किया जा रहा है। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद अप्रैल में इनको महाकुंभ में पहली तैनाती दी जाएगी। इससे महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था भी बेहतर होगी।
पीटीसी में महिला कमांडो को विशेष प्रशिक्षणः महिला पुलिस कमांडो फोर्स के 22 सदस्यी दस्ते को देश के सबसे अहम कमांडो
फोर्स नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) की तर्ज पर टिहरी के नरेंद्र नगर स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में कमांडो का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे पहले इनकी ट्रेनिंग हरिद्वार क्षेत्र में कराई गई। इस दस्ते में दो सब इंस्पेक्टर और 20 कांस्टेबल हैं। इस दस्ते की पहली ड्यूटी हरिद्वार में महाकुंभ में लगाई जाएगी। पीटीसी में एंटी टेरेरिस्ट ऑपरेशन, कॉबिंग, फायरिंग के साथ ही अन्य ऑपरेशनों से निपटने संबंधी प्रशिक्षण शामिल हैं। संगठित अपराध, ड्रग तस्करी आदि की रोकथाम के लिए भी यह फोर्स काम करेगी। मार्च तक यह प्रशिक्षण चलेगा। फोर्स एटीएस में शामिल होकर आतंकवाद के साथ ही राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से निपटने का काम करेगी। इसमें उन्हें संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करने समेत अन्य प्रशिक्षण दिया गया है। एटीएस जैसी महत्वपूर्ण विंग में महिला कमांडो की नियुक्ति को पुलिस महकमे और प्रदेश में महिला सशक्तीकरण की दिशा में बढ़ते कदम के रूप में देखा जा रहा है।

ऐसे हुई ट्रेनिंग: सबसे पहले हरिद्वार एटीएस में 8 जनवरी 2021 से 22 चयनित महिला कमांडो की ट्रेनिंग दी गई।यह ट्रेनिंग 30 जनवरी तक फ्री कोर्स के रूप में चली। इस दौरान शारीरिक और मानसिक दक्षता की मजबूती का प्रशिक्षण दिया गया। युद्ध कौशल के शुरुआती गुर सिखाए गए। इसके बाद 7 दिन का ब्रेक दिया गया ।एटीएस की प्रमुख जिम्मेदारीः किसी भी तरह के महत्वपूर्ण आयोजनों में आतंकी गतिविधि को नाकाम करना। राज्य में आतंकी संगठनों को पनपने से रोकना।  देश में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में एटीएस की बड़ी भूमिका रहती है। मौजूदा समय में उत्तराखंड पुलिस में एटीएस में पुरुष कमांडो के बाद महिला कमांडो को शामिल किया गया है।