अल्मोड़ा में सूअर और बंदरों का आतंक

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अल्मोडा, चौखुटिया विकास खंड के विभिन्न हिस्सों में दिन में बंदर तो रात में जंगली सूअरों ने खेतीबाड़ी चौपट कर दी है। कहीं तो सूअरों ने खेतों में तैयार गेहूं की खड़ी फसल पूरी तरह रौंद डाली है तो कहीं गेहूं की बालियां भी नष्ट कर दी हैं। कई खेतों में गड्ढे बना दिए हैं। अभी फसल कटाई कार्य चल रहा है, लेकिन फसल की बर्बादी देख काश्तकार अंदर ही अंदर आंसू के घूंट पीने को विवश हैं।

विकास खंड के विभिन्न क्षेत्रों में जंगली सूअरों ने आतंक मचाया है, मगर घाटी क्षेत्रों में कई स्थानों पर तो गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। यहां चांदीखेत बैराठ में अनेक काश्तकारों के तो खेत के खेत बर्बाद कर दिए हैं। काश्तकारों को कहना है कि सूअर रात्रि में खेतों में पहुंच कर खड़ी फसल को रौंद दे रहे हैं तथा गेहूं की बालियां को चट कर दे रहे हैं। ऐसे में पौधों पर बालियों का नामोनिशान नहीं रह गया है।

चांदीखेत के काश्तकार दीपक गिरि का कहना है कि उनके आठ खेत सूअरों ने पूरी तरह तबाह कर दिए हैं। इससे दस हजार से अधिक का नुकसान हुआ है। जोगा गिरि की भी फसल नष्ट कर दी है। गांव के अन्य किसान भी नुकसान से निराश हैं। प्रधान दान सिंह कुमयां, पूर्व प्रधान नंदन सिंह, मदन कुमयां, भूपाल गिरि व भूपाल सिंह आदि ने प्रशासन से निरीक्षण कर फसल का मुआवजा देने की मांग की है।