18 वर्षों बाद भगवती राकेश्वरी और तुंगनाथ का अद्भुत मिलन 

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रुद्रप्रयाग,  भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा सीमान्त ग्राम पंचायत और मदमहेश्वर यात्रा के अहम पड़ाव गौंडार गांव पहुंची। सोमवार को भगवती राकेश्वरी और भगवान तुंगनाथ के 18 वर्षों बाद अद्भुत मिलन के साक्षी सैकड़ों श्रद्धालु बने।  दिवारा यात्रा रात्रि प्रवास के लिए उनियाणा गांव पहुंचेगी और महाशिवरात्रि पर्व पर दिवारा यात्रा मदमहेश्वर घाटी से विदा होकर कालीमठ घाटी में पर्दापण करेगी।
राकेश्वरी मन्दिर रांसी में विद्वान आचार्य सुरेन्द्र प्रसाद मैठाणी, अतुल मैठाणी, आशीष मैठाणी, विनोद प्रसाद मैठाणी, भरत प्रसाद मैठाणी व राजेन्द्र प्रसाद मैठाणी ने प्रातः की बेला पर पंचांग पूजन के तहत भगवती राकेश्वरी, भगवान मदमहेश्वर, भूतनाथ, बजरंग बली सहित 33 करोड़ देवी-देवताओं का आह्वान कर विशेष पूजा-अर्चना कर भगवान तुंगनाथ की डोली व दिवारा यात्रा में साथ चल रहे देवकडी, भूतेर, रूपछडी का स्नान कर रुद्राभिषेक कर आरती उतारी। भगवती राकेश्वरी व भगवान तुंगनाथ का अद्भुत मिलन होते ही देवताओं की जयकारों से रांसी गांव गुंजायमान हो उठा।
महिलाओं ने ‘दैणी ह्वैगी भगवती राकेश्वरी बाबा तुंगनाथ, तुम्हारी माया च अपारम्पार। राजी खुशी राख्या तुम नर-नारी, तुम तै सेवा लादा चरणों बाधी’ जैसे पौराणिक जागरों से स्वागत किया। ठीक 11 बजे भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा ने रांसी गांव का नगर भ्रमण शुरू कर ग्रामीणों व धियाणियों की कुशलक्षेम पूछी तथा ग्रामीणों ने लाल-पीले वस्त्र चढ़ाकर मनौती मांगी। भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा के रासी गांव से विदा होने पर ग्रामीणों ने अकतोली तक दिवारा यात्रा को विदा किया। दिवारा यात्रा के गौण्डार गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया।