देहरादून। दो घंटे चली त्रिवेंद्र कैबिनेट की बैठक में दो प्रस्तावों पर ही निर्णय हो पाया। इनमें आबकारी नीति को लेकर चल रहे विरोध को देखते हुए कुछ मामलों में सरकार बैकफुट पर आई। इसके साथ ही आयुष विभाग के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने छात्रवृत्ति के मामले में विश्वविद्यालय को निर्णय लेने का अधिकार दिया।
शुक्रवार को कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि आबकारी नीति में बदलाव करते हुए एक साथ चार दुकानों की पूलिंग की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। अब पूर्व की व्यवस्था लागू रहेगी। इशके साथ ही 20 कमरों से कम वाले होटलों और अन्य बार के लिए सालाना शुल्क को पांच लाख से घटाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही तीन साल का शुल्क एक साथ जमा करने पर 10 फीसद की छूट भी प्रदान की जाएगी। वहीं, होटलों के बार के लिए फूड टर्नओवर को 12 लाख से कम कर 10 लाख रुपये किया गया है। डिपार्टमेंटमेंटल स्टोर के टर्नओवर को पांच करोड़ से घटाकर 50 लाख किया गया है। इसके अलावा आयुर्वेद विश्वविद्यालय के ऋषिकुल और हरिद्वार परिसर में अध्ययनरत एमडी व एमएस के प्रबंधन कोटे के छात्रों को राज्य कोटे के छात्रों के समान छात्रवृत्ति प्रदान किए जाने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने इसके लिए आयुर्वेद विश्विविद्यालय को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है।