महंत मोहनदास का नहीं चला पता, संतों का गुस्सा फूटा, एसटीएफ करेगी करीबियों से पूछताछ

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और बड़ा अखाड़ा उदासीन के कोठारी महंत मोहन दास के लापता होने के मामले में छह दिनों तक कुछ पता नहीं चलने पर संतों का गुस्सा राज्य सरकार और उत्तराखंड पुलिस पर फूट पड़ा।

संतों ने गुरुवार शाम बड़ा अखाड़ा में बैठक कर राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज की राजधानी से महज 50 किलोमीटर दूर हरिद्वार में इतनी बड़ी घटना घट गई लेकिन मुख्यमंत्री ने एक बार भी यहां आना गंवारा नहीं समझा। यही वजह है कि पुलिस भी मामले को हल्के ले रही है। उन्होंने कहा कि मनमोहन दास के अब तक ना मिलने के पीछे इस मामले में पुलिस में आपसी समन्वय और जनता के साथ मामले की जांच करने की कमी है। संतों ने इस मामले में छात्रों युवा वर्ग और सामाजिक संगठनों व्यापारियों का सहयोग मांगते हुए शुक्रवार को रेलवे स्टेशन से आक्रोश रैली निकालने की घोषणा की। साथ ही हर की पैड़ी पर होने वाली गंगा आरती तक हर की पैड़ी पर धरना देने की घोषणा की। बैठक में कुछ संतों का या भी मत था कि 23 तारीख को राष्ट्रपति के आने पर उन्हें और मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जाए, लेकिन प्रमुख संतों ने इसे नकार दिया। उन्होंने कहा यह जरूरत पड़ने पर संतों का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में जाकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास पर प्रधानमंत्री से भेंट का आक्रोश व्यक्त करेगा।

वहीं महंत मोहनदास की गुमशुदगी के मामले में उत्तराखंड एसटीएफ ने पड़ताल तेज कर दी है। गुरुवार को एसटीएफ ने कनखल पहुंचकर महंत के करीबियों की जानकारी जुटाई। इनकी पूरी लिस्ट तैयार की गई है। जल्द ही करीबियों से सिलसिलेवार तरीके से पूछताछ की जाएगी। वहीं पुलिस और सीआइयू की अलग-अलग चार टीमें गुरुवार को मेरठ में भी डेरा डाले रहीं। बड़ा अखाड़े के कोठारी महंत मोहनदास बीते शुक्रवार को ट्रेन से मुंबई जाने की बात कहकर हरिद्वार-एलटीटी सुपरफास्ट ट्रेन में सवार हुए थे। अगले दिन भोपाल से उनके गायब होने की खबर हरिद्वार पहुंची थी। तब से महंत की तलाश की जा रही है। मोबाइल की लोकेशन मेरठ पाए जाने के बाद से उत्तराखंड पुलिस और सीआइयू, उप्र. पुलिस व एटीएस के साथ मेरठ में डेरा डाले हुए है। पुलिस पर भी खुलासे का दबाव बढ़ता जा रहा है।
गुरुवार को एसटीएफ को मामले की कमान सौंपी गई। एसटीएफ की एक टीम ने बुधवार को अखाड़ा पहुंचकर पड़ताल की थी। गुरुवार को एसटीएफ टीम फिर कनखल पहुंची और महंत के करीबी लोगों की जानकारी जुटाई। अखाड़े के संतों से पूछताछ की गई कि महंत का किन-किन लोगों से मिलना जुलना था। टीम अब महंत के करीबियों से भी पूछताछ करेगी। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि एसटीएफ को भी जांच में मदद के लिए लगाया गया है। एक टीम ने गुरुवार को भी हरिद्वार पहुंचकर जांच पड़ताल की। एसएसपी ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी हरिद्वार पुलिस की टीमें जांच में जुटी है।