हरिद्वार, मिलावटी दूध उत्पादकों पर अंकुश लगाए जाने को लेकर वरिष्ठ सामाजिक संगठन की बैठक ज्वालापुर इन्टर कॉलेज में हुई। बैठक में सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर निर्णय लिया गया कि दूध के कालेबाजार पर सरकार अंकुश लगाए।
संगठन अध्यक्ष चौधरी चरण सिंह ने कहा कि पुराने समय में शादियों के सीजन मे दूध से बने व्यंजनों पर पाबन्दी लगाई जाती थी, ताकि कोई दूध में मिलावट न करे। खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की भी निरीक्षक ईमानदारी से जांच करते थे। अब जनसंख्या में काफी वृद्धि हो गई है तथा सर्वे के मुताबिक भारत में दूध का उत्पादन खपत का कुल 60 प्रतिशत ही होता है इसलिए दूध के काले कारोबारी डिटरजेंट, शर्करा, यूरिया आदि से कृत्रिम दूध का काला कारोबार कर रहे हैं। जिसके सेवन से शरीर में बीमारियां फैल रही है। कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी इसी की देन है।
उन्होंने कहा कि मिलावटी दूध को लेकर सरकार उदासीन हो गई है। सफेद धंधे का काला कारोबार फलीभूत हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के सपने स्वस्थ और भ्रष्टाचार मुक्त भारत को सफल बनाने के लिए दूध के काले कारोबारियों पर अंकुश लगाना वर्तमान समय की मांग है ताकि खतरनाक बीमारियो से बचाव हो सके।