नहीं होगा जिन्दगियों से खिलवाडः हाईकोर्ट

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हाईकोर्ट
Highcourt Nainital
अब जिन्दगियों से खिलवाड नहीं होगा, जिसकी जैसी योग्यता उसको वैसा कार्य दिया जाएगा। जिस विषय के विशेषज्ञ होंगे उसी विषय के अनुसार जांब भी मिलेगी, ये निर्णय हाईकोर्ट ने लिया जब अस्पतालों में कार्य करने वाली नर्स-पदों पर कला वर्ग के अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया था, जिसको लेकर कोर्ट ने साफ कर दिया है कि साईंस के छात्र ही नर्स जैसे कार्य को बेखुबी कर सकते हैं।
कला वर्ग के अभ्यर्थियों की याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने एएनएम के पदों पर भर्ती के लिए सिर्फ इंटरमीडिएट पास विज्ञान वर्ग के अभ्यर्थीयों को ही पात्र माना है, कला वर्ग के नहीं। नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए कला वर्ग के अभ्यर्थियों की ढाई दर्जन विशेष अपीलों को खारिज कर दिया। खंडपीठ के आदेश के बाद राज्य में 440 एएनएम पदों पर नियुक्ति पत्र जारी करने का रास्ता साफ हो गया है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ के समक्ष हरिद्वार निवासी संतोष चंद्र की विशेष अपील पर सुनवाई हुई। विशेष अपील में 11 अप्रैल के एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी। एकल पीठ ने एएनएम भर्ती में सेवा नियमावली-1997 का पालन करने के निर्देश दिए थे। कहा था कि एएनएम के लिए इंटरमीडिएट पास होना अनिवार्य है।

एकलपीठ के खिलाफ दायर विशेष अपील में कहा गया था कि उनका एएनएम डिप्लोमा भारतीय नर्सिंग काउंसिल से मान्य है। इसलिए उन्हें इस पद के लिए अयोग्य नहीं माना जा सकता, भले ही उन्होंने 12वीं पास कला वर्ग से किया हो।  सरकार की ओर से सीएससी परेश त्रिपाठी ने कहा कि एएनएम की सेवा नियमावली-1997 में साफ उल्लेख है कि विज्ञान वर्ग से 12वीं पास व एएनएम की ट्रेनिंग पूरी कर चुके ही इस पद के लिए योग्य माने जाएंगे।

उनका कहना था कि एएनएम का मुख्य काम अस्पताल तथा हेल्थ सेंटर में है। एएनएम को प्रसव जैसे अहम कार्य में तक ड्यूटी देनी पड़ती है, ऐसे में उसका विज्ञान वर्ग से 12वीं उत्तीर्ण होना जरूरी है। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद विशेष अपील खारिज कर दी।