(ऋषिकेश) ऋषिकेश के ऑटोनॉमस महाविद्यालय मैं अव्यवस्थाएं शैक्षणिक गतिविधियों को प्रभावित करने लगी है ।
महाविद्यालय में फर्नीचर की किल्लत छात्र-छात्राओं के अध्ययन पर भी कहीं ना कहीं असर डालती हुई देखी जा सकती है। कला संकाय में नजर दौड़ाने पर इसकी इसकी पुष्टि की जा सकती। बीए की कक्षाओं मे छात्र छात्राओं की संख्या 200 के करीब है लेकिन क्लास मे कुर्सी-मेज बामुश्किल 70-80 ही रखे गये हैं। ऐसे मे अधिकांश छात्र छात्राओं को खड़े होकर ही अध्ययन करना पड़ता है। उल्लेखनीय यह भी है कि गढ़वाल के सबसे प्रमुख महाविद्यालयों में से एक ऋषिकेश के पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में फर्नीचर की स्थिति पिछले कुछ वर्षो से बदतर हाल में देखने को मिल रही रही है। इसके लिए लगातार छात्र संघ की और से आवाज भी उठाई जाती रही है. लेकिन नतीजा सिर्फ ढाक के तीन पात की कहावत को ही चरितार्थ करता नजर आ रहा है। महाविद्यालय के शिक्षा संकाय के निकट भवन में सैकड़ों कुर्सियां धूल फांक रही है, जिन को सही करवाने के लिए महाविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
छात्र नेता पारसनाथ ने बताया कि इस संदर्भ में जल्द ही महाविद्यालय के प्राचार्य से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा जाएगा। लगे हाथों बताते चलें कि इस वर्ष नैक की टीम द्वारा महाविद्यालय के ग्रेडिंग सिस्टम का निरीक्षण भी किया जाना है। फिलहाल महाविद्यालय बी ग्रेड की श्रेणी मे है, लेकिन जिस प्रकार महाविद्यालय मे अव्यवस्थाए देखने को मिल रही हैं उसे देख इस बाता के आसार कम ही हैं कि नैक के निरीक्षण के बाद महाविद्यालय की ग्रेडिंग मे कोई सुधार हो पाएगा। इस संदर्भ में महाविद्यालय के प्राचार्य एनपी माहेश्वरी का कहना है कि वह फर्नीचर के लिए प्रयास कर रहे हैं जो कि शीघ्र उपलब्ध हो जाएगा।