24 घंटों से ज्यादा की मेहनत कके बाद आखिरकार हनुमान पर्वत पर भूस्खलन से बंद हुए रास्ते को कोल लिया गया है। इस समय इस रास्ते से पुलिस ऐस्कार्ट लगाकर हल्के और चोटे वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि कुछ समय में बड़े और भारी वाहनों के लिये भी रास्ता कोल दिया जायेगा।
शुक्रवार को चट्टान खिसकने से बंद हुए मार्ग को खोलने और याक्त्रियों की सुविधा के लिये :
- प्रशासन ने भूस्खलन स्थल पर मार्ग के पूर्ण रुप से खुल जाने तक बधित मार्ग के दोनों ओर ट्रांसशिपमेंट के लिए 15 छोटे और 10 बड़े वाहनों की व्यवस्था की और एसडीआरएफ टीम लोगों को भूस्खलन क्षेत्र पार करने में मदद की ।
- जिला प्रशासन ने राहत शिविर राजकीय इंटर कालेज जोशीमठ,विष्णु प्रयाग और अलग-अलग धर्मशालाओं और आश्रमों में लगभग 2500 यात्रियों के रुकने का प्रबन्ध किया।
- इसके अलावा बद्री केदार मंदिर समिती ने बद्रीनाथ में लगभग 500 लोगों के गोविन्द घाट में गुरुद्वारा में बद्रीनाथ में लगभग 2 हजार यात्रियों के रुकने और खाने पीने की व्यवस्था भी की गई।
- देहरादून, हरिद्वार व ऋषिकेश रेलवे स्टेशनों में हैल्प डैस्क व्यवस्था स्थापित करवाई गई है तथा भूस्खलन के कारण पूर्व में करवाये गये आरक्षण का लाभ न उठा सकने वाले यात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई।
- भूस्खलन की वजह से बंद रास्ते को खोलने के लिए बी.आर.ओ से संपर्क कर 3 पोकलैंड मशीन,1 डोजर,1 आर.ओ.सी और 2 एयर कम्प्रेशर की व्यवस्था की गई और रात में भी सड़क खोलने का काम किए जाने के लिए 3 आसका लाइट लगाई गई।
इस दौरान सभी यात्री सुरक्षित रहे और जहां मार्ग बंद था उसके पास से लगभग 2 कि.मी पैदल मार्ग द्वारा यात्रा संचालित की गई। यात्रियों की सुविधा के लिए पैदल मार्ग पर पुलिस व एस.डी.आर.एफ के जवानों के अतिरिक्त मेडिकल टीम तैनात की गई तथा दोनों तरफ वाहनों की व्यवस्था की गयी।