सात सुमंदर पार छा रहा है उत्तराखंड का रंग “बडूली”

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बडूली एक वार्षिक त्यौहार है जो उत्तराखंड एसोसिएशन आफ न्जूजीलैंड द्वारा हर साल बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है।अपने-अपने घरों से दूर न्यूजीलैंड में अपना घर बनाकर रहने वाले उत्तराखंडियों के लिए यह एक खास मौका है।यह इवेंट एक सफल कोशिश है उनके लिए जो अपनी जन्मभूमि से दूर होकर अपनी परंपरा से जुड़ाव रखते हैं। बडूली सभी को एकजुट करने और परंपरागत संस्कृति से जोड़ने का एक प्रयास है। उत्तराखंड के थियेटर और अलग-अलग तरह के संगीत और नृत्य के माध्यम से यह लोगों में घर जैसा माहौल पैदा करती है।

उत्तराखंड एसोसिएशन आफ न्यूजीलैंड की नींव 30 मार्च 2013 को न्यूजीलैंड में रह रहे उत्तराखंडियों द्वारा रखी गई थी। इसका मुख्य मिशन उत्तराखंड के लोगों को एकजुट लाकर,पहाड़ की संस्कृति को मशहूर करना और उसकी परंपरा को लोगों तक पहुंचाना और न्यूजीलैंड के लोगों में उत्तराखंड की संस्कृति को पहुंचाना था। इस ग्रुप का मुख्य उद्देश्य हैः

  • उत्तराखंड के कल्चर और हैरिटेज को प्रमोट और पापुलर करना
  • उत्तराखंड राज्य के अलग-अलग कल्चरल प्रोग्राम और त्यौहारों को मनाना
  • इसी ग्रुप की तरह दूसरे ग्रुप के साथ मिलकर अपने उद्देश्य को लोगों तक पहुंचाना

इस साल उत्तराखंड के कुछ उम्दा कलाकार पहाड़ी क्षेत्र उत्तराखंड को लोगों के सामने परोसेंगे। चाहे वो गायक हो या परक्यूशनिस्ट, बांसुरीवाद हो या फोटोग्राफर इस टीम के 9 लोगों में फोल्क सिंगर मंगलेश डंगवाल, विरेंद्र नेगी राही, दीपक मेहर,माया उपाध्याय,राकेश भारद्वाज, स्टैंड अप आर्टिस्ट किशना बघोत, रिदम आर्टिस्ट शुभम पांडे, फ्लूटिस्ट पंकज नाथ और फोटोग्राफर मुकेश खुग्साल जो एक साथ मिलकर उत्तराखंड की एक झलक पहाड़ से दूर रहकर पहाड़ की झलक दे जाते हैं।

सालों से अपनी मिट्टी से दूर रह रहे लोगों की अपने को इस तरह से अपने देश और जड़ों से जोड़ने की कोशिश वाकई काबिले तारीफ है।