बागेश्वर के गरुर शहर से 18 वर्षीय साइकिल चालक प्रदीप राणा, की आँखें विश्व रिकॉर्ड पर हैं। देहरादून में ग्राफिक एरा में बीएससी (आईटी) के छात्र राणा, अपने दो पहियों पर पूरे देश में 20,000 किलोमीटर तक कवर करने की योजना बना रहे है। ऐसा करने से, वह महाराष्ट्र के संतोष होली द्वारा बनाए रिकार्ड को तोड़ने की योजना बना रहे है, जो पूरे देश में 15,222 किलोमीटर पर साइकिल चला चुके है।
नौजवान ने 23 मई को अपनी यात्रा शुरू की और असम से गोगामुख पहुंच गया। 3,000 किमी की दूरी तय करते हुए उन्होंने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और अरुणाचल प्रदेश का दायरा पूरा कर लिया है।अब वह नागालैंड, मेघालय और उड़ीसा की यात्रा करेंगे और दक्षिण की ओर कन्याकुमारी जाएंगे। राणा तब महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और जम्मू और कश्मीर के पास जाएंगे।
राणा ने बताया, “मेरा लक्ष्य गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करना है।” “इस यात्रा को कवर करने में 5 से 6 महीने लगेंगे। मैं मैदानी क्षेत्रों में लगभग 140 किलोमीटर प्रति दिन और पहाड़ी इलाकों में लगभग 90 किमी की साइकलिंग कर रहा हूं।” राणा ने कहा कि इस यात्रा के दौरान वह लोगों को जीवन के विभिन्न पहलुओं को जान रहे हैं और रास्ते में अनूठे अनुभव भी कर रहे हैं। राणा ने कहा, “मैं ट्रक के ढाबों, युवा क्लबों, अजनबियों और परिचित लोगों के घरों में रह रहा हूं। मैं भी एक छोटा तम्बू रखता हूं जहां मैं सोता हूं”।
पिछले साल राणा ने काठमांडू में साइकिल चलाई थी। उन्होंने कहा, “काठमांडू की यात्रा ने मुझे पूरे भारत में यात्रा करने को प्रोत्साहित किया।” राणा ने कहा कि यह उनके पिता किशन, एक किसान हैं, जिन्होंने इसे अपने सपनों को पूरा करना संभव बना दिया है। राणा ने कहा, “मेरे पिता ने जमीन का एक टुकड़ा बेच दिया, ताकि मुझे यात्रा करने के लिए कुछ पैसे मिल सके।”
किशन राणा ने कहा, “मेरा मानना है कि हर माता-पिता को अपने बच्चों के सपनों का समर्थन करना चाहिए। मेरे बच्चे का सपना बड़ा जरुर है, पर मैं उसके सपने के लिए जो कुछ भी कर सकता हूं।”