बैरागी संतों ने नकारी प्रधानमंत्री की अपील

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बैरागी
कुंभ मेले को प्रतीकात्मक रूप से संपन्न कराने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील को बैरागी संतों ने नकार दिया है। बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े में पत्रकारों से वार्ता करते हुए श्रीमहंत धर्म दास महाराज ने कहा कि कुंभ मेला प्रतीकात्मक रूप से नहीं प्रत्यक्ष रूप से किया जाएगा। कुंभ मेले में देवता वास करते हैं। हमारे इष्ट देव मौजूद रहते हैं और सभी साधु संत प्रत्यक्ष रूप से स्नान करते हैं। इसलिए मेला प्रत्यक्ष रूप से ही किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बताएं कि स्नान में प्रतीकात्मक क्या होता है। जब कोरोना की वैक्सीन बन चुकी है तो कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं का वैक्सीनेसन क्यों नहीं किया जा रहा है। हालांकि उन्होंने कुंभ मेले के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए कुंभ मेले में कम से कम संख्या में आएं।
अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि लोक आस्था का पर्व कुंभ मेला भारतीय संस्कृति की धरोहर है। अपनी परंपराओं का निर्वहन करते हुए कुंभ मेले को संपन्न कराया जाएगा। सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए ही 27 अप्रैल का शाही स्नान करेंगे। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले को लेकर कोई भ्रम नहीं है। मेला 30 अप्रैल तक विधिवत रूप से ही होगा। इस दौरान महंत नरेन्द्र दास, महंत रामजी दास, महामण्डेश्वर सेवादास, महंत रामदास, महंत महेश दास, महंत रामशरण दास, महंत सुखदेव दास नागा, ब्रह्माण्ड गुरू अनन्त महाप्रभु आदि मौजूद रहे।