सहारनपुर : अभी कुछ ही दिन पहले की बात है कि देशभर के लोगों के सामने पंजाब के जालंधर से धौलाधार पहाड़ियाँ के दिखाई देने की तस्वीरें सामने आई थी। अब कुछ ऐसा ही उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के लोगों के साथ हुआ है।
उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में, 6,316 मीटर की ऊँचाई पर स्थित बंदरपूंछ पर्वत को 26 अप्रैल को हुई बारिश के बाद उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से लोगों ने देखा।
उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल में टीचर निधि सैनी ने बताया कि, “दो दिनों की मूसलाधार बारिश के बाद, 26 अप्रैल को शाम पाँच- साढ़े पाँच बजे के क़रीब आसमान साफ़ हुआ। हमारी घर की छत से कुछ समय के लिये गढ़वाल में स्थित बंदरपूंछ पर्वत को देखा जा सकता था। बिना किसी दूरबीन आदि के यह क़रीब दस मिनट तक देखा जा सका।”
यह तस्वीरें निधि के 300मीमी लेंस वाले डीएसएलआर कैमरे से ली गई हैं, और अब यह अनमोल पल हमेशा के लिये यादों में क़ैद हो गये है। इसके बाद भी सहारनपुर के लोगों ने हिमालय पर्वत श्रृंखला को दो और मौक़ों पर सहारनपुर से देखा है।
इससे पहले, इस तरह पहाड़ों के देव पर्वतों के मैदानी लोगों द्वारा दर्शन का ज़िक्र 1884 में छपी “नॉर्थम्स गाइड टू मसौरी लंडौर, देहरादून एंड हिल्स नॉर्थ” में है। इसमें कहा गया है कि, “खुले आसमान के दिन रुड़की से बर्फ़ से ढकें पहाड़ों को देखा गया।”
इसके ठीक 136 साल बाद, आज के समय में कोरोना संकट के कारण यह पल दोबारा सामने आया है। क़रीब 150 मील दूर, बीस हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर, बर्फ़ से ढके पहाड़ एक बार फिर दिखे और यह लम्हे आने वाली पीढ़ियों के लिये इतिहास में क़ैद हो गये हैं।