पंचबद्री प्रसादम् की बिक्री से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को लाभ

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Prasad made from natural crops grown in uttarakhand
Prasad
गोपेश्वर। चारधाम यात्रा ने तेजी पकड़ ली है। प्रति दिन हजारों तीर्थ यात्री बदरीनाथ धाम पहुंच रहे हैं। इस बार चमोली जिला प्रशासन ने बदरीनाथ धाम से दर्शन कर लौटने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए यहां की सौगात के रूप में स्थानीय स्तर पर तैयार किया गया पंचबद्री प्रसादम् तैयार किया गया है। जो यात्रियों को खूब भा रहा है और यात्री इसे प्रसाद के रूप में खरीद कर अपने घरों व नाते-रिश्तेदारों को ले जा रहे हैं। इससे इस कार्य में जड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी आर्थिक लाभ मिल रहा है।
जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि, “स्वयं सहायता समूहों की आजीविका संवर्द्धन के लिए ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्थानीय उत्पादों से तैयार पंचबद्री प्रसादम् की न्यूनत दरों पर बिक्री की जा रही है। पंचबद्री प्रसाद्म में चैलाई के लड्डू, गुलाब जल, बद्रीश तुलसी, धूप एवं सरस्वती जल को रखा गया है, जिसे कागज के गत्ते से बने डिब्बों में पैक करके जूट से बने प्रसाद बैग के साथ तीर्थयात्रियों को बेचा जा रहा है।” इस बार यात्रा शुरू होने के बाद अब तक पंचबद्री प्रसाद्म के स्टाॅल से दो लाख 15 हजार रुपये से अधिक की ब्रिकी हो चुकी है।
तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए धाम में बनाए गए पूछताछ केंद्र स्थापित किये गये है। जहां से श्रद्धालुओं को निरंतर बदरीनाथ धाम एवं अन्य धार्मिक स्थलों के साथ-साथ महत्वपूर्ण जानकारियां दी जा रही है। वही धाम में सीसीटीवी कैमरे से यात्रियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किए है और तीर्थयात्रियों को पल-पल की जानकारी दी जा रही है।  बदरीनाथ धाम में पाॅलिथीन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही स्नानघाटों पर साबुन से नहाने पर भी रोक है। पंचबद्री प्रसादम् की बिक्री से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को लाभ