क्या बिग बॉस में अपनी धाक जमा पाऐंगे उत्तराखंड के ये गुरु-शिष्य

ऋषिकेश एक बार फिर सुर्खियों में हैं, और इस बार कारण भी बिल्कुल सही है। 2015 में गंगा में डूबने से दो जिंदगी बचाने के लिए राष्ट्रीय बहादुर पुरस्कार जीतने वाले ऋषिकेश के बेटे 21 साल के लाभांशू शर्मा को, बिग बॉस सीजन 12 के लिए एक प्रतियोगी के रूप में आमंत्रण मिले के कारण एक बार फिर लाभांशू सुर्खियों में बने हुए हैं। लाभांशू के साथ उनके कोच पवन कुमार शर्मा जिन्हें 2008 में द्रोणाचार्य पुरस्कार से नवाज़ा गया था उन्हें भी गुरु-शिष्य श्रेणी के तहत बिग बॉस से आमंत्रण मिला है।

देहरादून में उनके कोच पवन कुमार शर्मा को यह निमंत्रण प्राप्त हुआ है। दोनों ने गुरु-शिष्य परंपरा के तहत एक जोड़ी के रूप में बिग बॉस सीजन 12 का हिस्सा बनने के लिए आवेदन किया था जो इस सीजन में एक अलग टिव्सट् की तरह दर्शकों के सामने आने वाला है। पवन कुमार शर्मा और लाभांशु दोनों ही इस आमंत्रण को पाकर खुश और उत्साहित थे, जब उन्हें एक फोन कॉल के जरिए शो में भागीदारी होनी की खबर मिली। न्यूज़पोस्ट से बात करते हुए, कोच पवन कुमार शर्मा ने कहा, ” लाभांशू फिलहाल दिल्ली में हैं, हमें बिग बॉस सीजन 12 से फोन आया है कि हम एक जोड़ी के रूप में चुने गए हैं, यह हमारे लिए बहुत ही बड़ा सरप्राइज है

ऋषिकेश, में पैदा और बड़े हुए लाभांशू को प्यार से कूकु भी पुकारा जाता है। बचपन से ही उनके अंदर कुश्ती का जूनुन है, वह भारतीय सेना के पूर्व रेसलर सुरेश चंद के सबसे छोटे बेटे हैं और उनके खून में ही पहलवानी है।

बहुत कम उम्र में ही लाभांशू ने अपने कुश्ती के करियर की शुरुआत की और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीतने के साथ आगे बढ़ते रहे। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर 7 स्वर्ण पदक जीते और 2016-17 में एशियाई अंतर्राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीता और उसके बाद 120 किलोग्राम वर्ग के तहत इंडो नेपाल इंटरनेशनल रेसलिंग टूर्नामेंट में एक और स्वर्ण पदक जीता।

अपने चयन के बारे में बोलते हुए लाभांशू कहते हैं कि, “अगर उस दौरान मेरा कोई कुश्ती मैच नहीं हुआ, तो मैं बिग बॉस सीज़न का हिस्सा बनना चाहता हूं और खेल को सच्ची स्पोर्ट्समैनशिप की भावना में खेलना चाहता हूं।”

अब यह हमारे लिए प्रतीक्षा करने और देखने वाली बात होगी कि यह गुरु-शिष्य जोड़ी दर्शकों द्वारा कैसे स्वीकार की जाती है, क्योंकि यह गुरु शिष्य का जोड़ा अब तक के बिग बॉस तक पहुंचने वाला उत्तराखंड राज्य का पहला जोड़ा होगा।