बाइकिंग चैलेंज स्पर्धा में परवीज मरदानी का दबदबा कायम

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देहरादून,  दी अल्टीमेट हिमालयन माउंटेन टैरेन बाइकिंग चैलेंज के चौथे संस्करण में भी पुरुष वर्ग में इरान के परवीज मरदानी ने अपना दबदबा कायम रखा। उन्होंने चार घंटे 25 मिनट और 24 सेकंड में 150 किलोमीटर लंबी रेस पूरी की। महिला वर्ग में थाईलैंड की सुरतिया बप्पा ने पांच घंटे 30 मिनट 31 सेकंड में बाजी मारी। भारतीय पुरुषों में कांटे के मुकाबले के बीच हिमाचल के शिवेन अव्वल रहे।

ईरान के परवीज मरदानी ने दूसरे राइडर्स से अच्छी लीड बनाकर विजय प्राप्त की। अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में थाईलैंड के कीरती सुक्प्रसार्त दूसरे तथा थाईलैंड के ही परिवाक तंलेत तीसरे स्थान पर रहे। इन दोनों राइडर्स ने लगभग चार घंटे 28 मिनट का समय लिया। भारतीय पुरुषों के बीच कांटे का मुकाबला रहा हिमाचल प्रदेश के शिवेन, भारतीय सेना के कमलेश राणा तथा हिमाचल के देवेंद्र के बीच महज 1 सेकंड से भी कम समय का अंतर रहा। इन्होंने चार घंटे 34 मिनट 26 सेकंड से 27 सेकंड के बीच रेस पूरी की। महिला वर्ग में सिंगापुर की फेंग यी लिन दूसरे तथा थाईलैंड की सीरिलक वरापियांग तीसरे स्थान पर रहीं। उत्तराखंड संवर्ग में रजत पांडे पहले स्थान पर रहे जबकि रमेश भारती और विकास दुर्गापाल दूसरे तथा तीसरे स्थान पर रहे।

उत्तराखंड की पूनम राणा को इस प्रतियोगिता की एक खोज के रूप में माना जा रहा है। पूनम ने इससे पूर्व नेशनल एमटीबी में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। साइकिल फेडरेशन ऑफ इंडिया के डायरेक्टर वीएन सिंह का कहना है कि पूनम में वह सब कुछ है जो उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि उनके प्रदर्शन को देखते हुए साइकिल फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा उन्हें आगामी आयोजनों में उत्तराखंड राज्य तथा भारत की ओर से प्रतिभाग करने का मौका मिल सकता है।

राज्य में एडवेंचर पर्यटन की एक गतिविधि के रूप में माउंटेन बाइकिंग को स्थापित करने के उद्देश्य से साइकिल फेडरेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के बैनर तले इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। रविवार को कौसानी से गरुड़, बैजनाथ, ग्वालदम, नंद केसरी, थराली, कर्णप्रयाग और गोचर होते हुए माउंटेन बाइकर्स का दल बाबा केदार की नगरी रुद्रप्रयाग पहुंचा। ग्वालदम से नंद केसरी की दुर्गम पहाड़ियों से होते हुए पिंडर और अलकनंदा नदियों के किनारे उबड़-खाबड़ और धूल-धुसरत मार्गों पर जोश-खरोश से लबरेज जांबाज राइडर्स ने अपने स्टैमिना और हुनर के प्रदर्शन करते हुए बगैर रुके अपनी मंजिल तय की।