कोटद्वार में बर्ड फेस्टिवल सात दिसंबर से, पक्षी प्रेमियों को करवाई जाएगी बर्ड वाचिंग

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वन महकमा पहली बार गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार में बर्ड फेस्टिवल आयोजित करेगा। तीन-दिवसीय यह फेस्टिवल आगामी सात दिसंबर से शुरू होगा। इसके लिए लैंसडौन वन प्रभाग की ओर से सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। फेस्टिवल के दौरान पर्यटकों को कोटद्वार व आसपास के क्षेत्रों में बर्ड वाचिंग कराई जाएगी।

उत्तराखंड में परिंदों की 710 प्रजाति मौजूद हैं। इनमें से करीब 350 प्रजाति तो कोटद्वार व आसपास के क्षेत्रों में ही देखने को मिल जाती हैं। बावजूद इसके परिंदों के इस विशाल संसार में झांकने की कभी जरूरत महसूस नहीं की गई। हालांकि, कोटद्वार के ग्राम काशीरामपुर तल्ला निवासी राजीव बिष्ट के स्वप्रयासों से क्षेत्र को न सिर्फ बर्ड वाचिंग में नई पहचान मिली, बल्कि बर्ड वाचिंग यहां अब स्वरोजगार का माध्यम भी बन चुका है।

खैर! देर से ही सही, लेकिन अब सिस्टम भी मानने लगा है कि कोटद्वार क्षेत्र में बर्ड वाचिंग पर्यटन का आधार बन सकता है। यही वजह रही कि वन विभाग की ओर से बीते सितंबर में यहां दो-दिवसीय बर्ड वाचिंग कैंप आयोजित किया गया। इसकी सफलता के बाद अब लैंसडौन वन प्रभाग क्षेत्र में तीन-दिवसीय ‘बर्ड फेस्टिवल’ आयोजित कर रहा है। लैंसडौन वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी वैभव प्रताप सिंह के अनुसार कोटद्वार क्षेत्र में बर्ड वाचिंग को पर्यटन विकास का बेहतर जरिया बनाया जा सकता है।

बर्ड फेस्टिवल के आकर्षण

सात दिसंबर से होने वाले इस तीन-दिवसीय बर्ड फेस्टिवल के दौरान जहां पक्षी प्रेमियों को अलग-अलग ट्रेल्स में ले जाकर बर्ड वाचिंग कराई जाएगी, वहीं स्कूली बच्चों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होगा।