18 मार्च को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद डबल इंजन का दावा करने वाली सरकार के दूसरे इंजन के लोको पॉयलेट ने शपथ ली थी। त्रिवेंद्र सिंह रावत को उत्तराखंड राज्य का सीएम बनाया गया इसके साथ ही उन्होने अपनी टीम गठित भी की। उस टीम में कांग्रेस से भाजपा में आए दिग्गजो को भी जगह दी गई। हरीश रावत सरकार को एक बार घुटनों के बल बैठाने की कोशिश कर चुके हरक सिंह रावत को वन, पर्यावरण एवं श्रम मंत्रालय जैसे मंत्रालयों की बागडोर सौंपी गई।
लेकिन लगता है भाजपा से हरक सिंह रावत का मोह भंग हो गया है। आज देहरादून के नगर निगम में हरक सिंह रावत ने ऐसा बयान दिया है जो मुमकिंन है राज्य की टीएसआर सरकार और केंद्र की मोदी सरकार को असहज कर दे।
गौरतलब है कि अभी त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार को तीन महीने पूरे नहीं हुए तीन दिन बाकी हैं बावजूद इसके जज्बाती हरक सिंह रावत ने बड़ा बयान दिया है। हरक ने कहा कि उत्तराखंड अलग राज्य बनने का कोई फायदा नहीं हुआ है। हमने उत्तराखंड मांग कर गलती की है। वहीं हरक ने आज उन दोनों नेताओं भी विकास करने में सक्षम बताया जिनसे कभी उनका 36 का रिश्ता रहा है।
बहरहाल हरक सिंह ने कहा कि प्रदेश का विकास सिर्फ दो ही नेता कर सकते थे। डा. रमेश पोखरियाल निशंक और दूसरे हरीश रावत। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि भाजपा ने डबल इंजन मांगा था और उत्तराखंड की जनता ने मजबूत इंजन दिया। बावजूद इसके केंद्र का इंजन कमजोर दिखाई दे रहा है।
माना जा रहा है कि हरक ने केंद्र के इंजन के बहाने मौजूदा सीएम त्रिवेंद्र रावत पर सवाल उठाया है। क्योंकि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के लिए भाजपा आलाकमान की पसंद की कसौटी पर त्रिवेंद्र रावत फिट बैठे।
हमेशा से ही बगावत के लिए पहचाने जाने वाले हरक सिंह ने एक बार फिर प्रहार किया है वो भी अपनी ही पार्टी पर। देखना यह होगा कि आगे आने वाले समय में टीएसआर इसका जवाब किस तरह से देते हैं।