विधायक मगन लाल शाह के निधन पर शोक की लहर

0
844

गोपेश्वर। चमोली जिले के पिंडर थराली विधानसभा के विधायक व भाजपा नेता मगन लाल शाह का रविवार की रात्रि को जाॅलीग्रांट देहरादून में निधन हो गया है। उनके निधन से जनपद में शोक की लहर छा गई है।
19 फरवरी को सांस की बीमारी के कारण विधायक मगन लाल शाह को जाॅलीग्रांट हॉस्पिटल देहरादून में भर्ती किया गया था। रविवार की रात्रि साढ़े दस बजे के आसपास उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके असामयिक निधन पर चमोली जिले में शोक की लहर छा गई है।
अत्यंत गरीबी में जीवन यापन करने के कारण मगन लाल शाह ने 10वीं तक की शिक्षा ग्रहण की और उसके बाद अपने पिता का हाथ बटाने के लिए स्वर्णकार का काम सीखा। विधायक मगन लाल शाह का परिवारिक पृष्ठ भूमि सक्रिय राजनीति में नहीं थी मगर इनके पिता स्व. बचन लाल शाह सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहते थे, इसी लिए इनके पिता को क्षेत्र में लोग नेताजी कह कर बुलाते थे। इनके पिता की नलगांव में स्वर्णकार की एक छोटी सी दुकान थी उसी से परिवार का भरण-पोषण होता था।
वरिष्ठ पत्रकार रजपाल बिष्ट बताते हैं कि मगन लाल शाह उनके एक अच्छे मित्रों में रहे हैं। राजनीति पृष्ठभूमि न होने के बाद भी उन्हें राजनीति में काफी दिलचस्पी थी। इसी कारण वे 1989 में जनता दल के समय पर ये जनता दल के प्रत्याशी सुदर्शन कठैत के चुनाव में सबसे पहले सक्रिय रूप से चुनाव प्रचार में आये। उसके बाद वर्ष 1992-93 में पूर्व मुख्यमंत्री व गढ़वाल सांसद मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी राजनीति में लाये थे ये मेजर साहब के करीबियों में शुमार थे। वर्ष 2002 के उत्तराखंड विधानसभा के पहले चुनाव में बीजेपी से टिकट मंगा लेकिन पार्टी ने विश्वास न जताते हुए पिंडर विधानसभा क्षेत्र से गोविंद लाल शाह को टिकट दिया।
मगन लाल शाह तब पार्टी के कहने पर मान गए जिसका नतीजा पिंडर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी का परचम लहराया। इसके बाद 2007 विधानसभा सभा चुनाव में एक बार फिर से बीजेपी से टिकट की दावेदारी की लेकिन निराशा ही हाथ लगी और दोबारा पार्टी ने गोविंद लाल शाह पर भरोसा जताते हुए टिकट उन्हें ही दिया, लेकिन इस बार मगन लाल शाह ने बगावत करके उत्तराखंड क्रांति दल से टिकट लेकर चुनाव लड़ा पर जीत बीजेपी से उम्मीदवार गोविंद लाल शाह को मिली। 2008-09 के त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में अपने क्षेत्र पंचायत वार्ड गंडी कफ़ौली क्षेत्र से क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा ओर क्षेत्र पंचायत सदस्य जीत कर आये और नारायणबगड़ विकासखंड के ब्लॉक प्रमुख बने। बताया जाता है कि प्रमुख बनने के समय भी बराबर सदस्यों का समर्थन मिलने के चलते टॉस हुआ था जिसमे मगन लाल शाह जीते ओर प्रमुख बने।
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने लगातार 02 बार विजेता रहे गोविंद लाल शाह की बजाय मगन लाल शाह पर भरोसा जताया और बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन इस बार उनके विपक्षी कांग्रेस से उम्मीदवार डॉ जीतराम से उन्हें टक्कर मिली लेकिन मगन लाल शाह लगभग 400 वोट के अंतर से चुनाव हार गए।, इसके बाद हुए 2014 के त्रिस्तरीय पंचायती चुनावो में उनकी धर्मपत्नी मुन्नी देवी शाह चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष बनी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर पार्टी ने मगन लाल शाह पर भरोसा जताया और मगन लाल शाह ने भी इस भरोसे पर खरा उतरते हुए लगभग 4300 के भारी अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी डॉ जीतराम को हराया और विधानसभा पहुंचे।
वर्ष 2002 से बीजेपी के लिए मगन लाल शाह लगातार पार्टी को मजबूती देते रहे मगन लाल शाह बीजपी के अनुसूचित जाति मोर्चे का प्रदेश अध्यक्ष पद भी संभाल चुके हैं लेकिन पार्टी का ये मजबूत कंधा 19 फरवरी को स्वास्थ्य खराब होेने के चलते जाॅलीग्रांट अस्पताल में भर्ती हुए। जिंदगी और मौत के बीच वेंटिलेटर पर रविवार को थराली से विधायक और बीजेपी के इस सिपाही ने 57 वर्ष की आयु में रविवार की रात्रि अंतिम सांस ली।
सादगी ऐसी की विधानसभा में बिना लाव लश्कर के स्कूटर से पहली बार 17 सालों में कोई विधायक पहुंचा था। वह कोई और नहीं बल्कि थराली के विधायक मगन लाल शाह ही थे। अब ऐसी सादगी शायद ही कभी देखने को मिले। बेहद मृदुभाषी, सौम्य, सरल और साधारण व्यक्तिव के धनी थराली विधायक मगन लाल शाह का असमय यों ही चले जाना बेहद दुखदाई है। नलगांव निवासी सर्राफा व्यापारी और ए ग्रेड के ठेकेदार रहे मगन लाल शाह का जीवन बेहद संघर्षमय रहा है। चुनाव जीतने के बाद स्कूटर से जब वह विधानसभा पहुंचे थे तो उनकी सादगी का पूरा देश कायल हो गया था।