विधायकों की भितरघात की टिप्पणी से भाजपा की किरकिरी

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चुनाव होने के बाद अब सबकी निगाहें 10 मार्च पर लगी हुई है, लेकिन भाजपा के तीन से चार विधायकों की टिप्पणी के बाद भाजपा में भितरघात पर सत्तारूढ़ दल परेशान हैं। उत्तराखंड की 70 विधानसभाओं का मतदान 14 फरवरी को हुआ और 10 मार्च को परिणाम आने हैं, लेकिन विधायकों की भितरघात की बयानबाजी से लगातार स्थिति पर चर्चा की जा रही है।

हरिद्वार के लक्सर विधायक संजय गुप्ता ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को अपने को हराने का आरोप लगाया था। इसी प्रकार के आरोप अलग-अलग कार्यकर्ताओं पर काशीपुर, टनकपुर, चंपावत तथा यमुनोत्री विधानसभा के उम्मीदवार ने लगाए थे जो इस बात का संकेत है कि कहीं न कहीं इन नेताओं को अपनी हार का डर सता रहा है। केदार सिंह रावत ने अपने कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया जबकि काशीपुर विधायक हर सिंह चीमा ने भी पार्टी के ही कुछ कार्यकर्ताओं पर भितरघात के आरोप लगाए। केदार सिंह रावत ने जो यमुनोत्री के विधायक हैं, वरिष्ठ पदों पर बैठे कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया है। उसके बाद भी उनका कहना था कि हम मार्जिन भले ही कम हो लेकिन अच्छी जीत जीतेंगे।

इस संदर्भ में मुख्यमंत्री समेत सभी वरिष्ठ नेताओं ने विधायकों तथा विधायक प्रत्याशियों से मीडिया के बजाय पार्टी फोरम में रखने के बाद कही। इन नेताओं का कहना है कि यदि कहीं कुछ ऐसा लगता है तो उसको सार्वजनिक मंचों के स्थान पर पार्टी के भीतर बात रखनी चाहिए। इस समय पार्टी के वरिष्ठ नेता विश्वास डाबर का कहना है कि भाजपा लोकतांत्रिक पार्टी है यहां हर बात का संज्ञान लिया जाता है। इसी संदर्भ में पार्टी उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन मानते हैं कि निश्चित तौर से इस तरह की बात अगर आती है तो उस पर पार्टी संज्ञान लेगी। उन्होंने भी पार्टी फोरम पर बातें रखने का अनुरोध किया है ताकि किसी तरह की अनुशासनहीनता न हो।