देहरादून, पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के आय का प्रमुख साधन पर्यटन है। उत्तराखंड सरकार इसी स्वालंबन के साथ 13 जनपद 13 नये पर्यटक स्थल की भावना के साथ कार्य कर रही है। पर्यटन सचिव अमित नेगी का मानना है कि सरकार ने अब इस मामले में तेजी दिखाई है ताकि पर्यटकों को इसका लाभ मिल सके।
उत्तराखंड को प्रकृति ने जी भरकर प्राकृतिक सौंदर्य दिया है। अंग्रेजों ने यहां कई पर्यटक स्थलों का विकास किया था। इन पर्यटन स्थलों में नैनीताल, मसूरी, रानीखेत, चकराता समेत तमाम पर्यटन स्थल शामिल हैं। यहां आज भी पर्यटक भारी संख्या में सैर-सपाटे के लिए आते हैं। इन पर्यटन स्थलों की व्यवस्था और पर्यटकों की भारी भीड़ के कारण ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 13 जिले में 13 नए पर्यटन स्थल की अपेक्षा की थी। इस अपेक्षा पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रदेश के सचिव गृह, वित्त सचिव सहकारिता सचिव, पर्यटन सचिव और मुख्यमंत्री के अपर सचिव की संयुक्त समिति बनी थी लेकिन बैठकों के अलावा अभी कोई परिणाम सामने नहीं आया है।
इन स्थलों को विकसित किया जाना है, उनमें देहरादून के चकराता को महाभारत सर्किट- हेरिटेज टूरिज्म के रूप में, पिथौरागढ़ के मुनस्यारी, चैकोड़ी को लेजर टूरिज्म के रूप में विकसित करने की मंशा सरकार की है। इसी प्रकार बागेश्वर के कौसानी को टी-टूरिज्म के रूप में, अल्मोड़ा जिले के कसार देवी, कटारमल को मेडिटेशन के रूप में तथा नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर को लेजर टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाना है। चंपावत जनपद के लोहाघाट को पर्वतीय पयर्टन क्षेत्र, उधम सिंह नगर जिले के पराग फॉर्म को एम्यूजमेंट पार्क के रूप में, तथा रुद्रप्रयाग के चोपता को इको टूरिज्म के रूप में विकसित की भावना है।
इसी प्रकार टिहरी झील को जल क्रीड़ा, पौड़ी जिले के खिरसू ( कॉर्बेट नार्थ एंट्री) को पर्वतीय स्थल एवं वन्य जीवन पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना है। उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ को बहुद्देशीय रूप में, चमोली के गैरसैंण-औली-गौरसो को शीतकालीन क्रीड़ा स्थल एवं ज्ञान नगर के रूप में विकसित किया जाना। इसी प्रकार हरिद्वार पिरान कलियर शक्तिपीठ को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करना है।
वित्त सचिव अमित नेगी का कहना है कि, “13 जनपद, 13 नये पर्यटन स्थल पर काम जारी है। कई बैठकें हो चुकी है, इस पर काम बहुत तीव्र गति से चल रहा है और इसके लिए बजट में भी व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के लिए पर्यटन स्थलों को सुंदर बनाया जाएगा। पर्यटकों के लिए बेसिक अवस्थापना सुविधाओं जैसे पार्किंग, बिजली, फुटपाथ, बैठने का अच्छा स्थान, पार्क आदि को विकसित किए जाने की तैयारी की जा रही है।”