कोरोना की वर्तमान लहर में लोगों को सांस संबंधी दिक्कत ज्यादा आ रही हैं और इसके चलते अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है।
– आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि इस लहर में भी 70 प्रतिशत संक्रमित 40 साल से ऊपर
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव का कहना है कि कोरोना के लक्षण में इस बार सांस लेने में दिक्कत की शिकायत अधिक रिपोर्ट की जा रही है। उन्होंने बताया कि अगर हम कोरोना के लक्षण देखें तो पिछली लहर की तुलना में इस बार के लक्षण में ज्यादा तीव्रता नहीं है। इस बार सांस लेने में दिक्कत आम लक्षण है जबकि पिछली बार सूखी खांसी, जोड़ों में दर्द और सिर दर्द जैसे लक्षण मरीजों में ज्यादा दिखाई दिए थे।
डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि इस बार भी कोरोना के 70 प्रतिशत मरीज 40 साल के ऊपर है। इससे कम उम्र के संक्रमित लोगों के प्रतिशत में थोड़ा बहुत असर देखा गया है। लेकिन वो सिर्फ एक दो प्रतिशत ही ज्यादा है। लेकिन 70 प्रतिशत मरीज 40 साल के ऊपर के हैं।
आरटी पीसीआर टेस्ट पर संदेह के बारे में बलराम भार्गव ने बताया कि इस टेस्ट को लेकर शंका व सवाल करना सही नहीं है। इस टेस्ट वायरस का पता चल रहा है। सभी तरह के स्ट्रेन के बारे में जानकारी मिल रही है। इस बार कोरोना के प्रकोप के अधिक होने पर उन्होंने बताया कि इस बार लोगों ने कोरोना से बचाव के उपाय नहीं किए, सावधानी नहीं बरती।
इसके साथ कोरोना संक्रमित अधिक संख्या में सामने आ रही हैं। कोरोना के प्रकृति में भी बदलाव देखा जा रहा है। जैसे अब ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के भी कोरोना वायरस स्ट्रेन देखे जा रहे हैं। इसके साथ भारत में डबल म्यूटेंट वायरस भी सामने आ रहा है लेकिन इस लहर के लिए वायरस के यह प्रकार कितने जिम्मेदार है इसका अभी अध्ययन किया जाना है।