बजट सत्रः गैरसैंण को राजधानी बनाने को लेकर हंगामे के साथ शुरु हुआ सत्र

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गैरसैंण: भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में विधानसभा के बजट सत्र की विपक्ष के हंगामे के साथ शुरआत हुई । गैरसैण को राजधानी बनाने की मांग को लेकर कांग्रेस ने हंगामा किया। हंगामे के दौरान ही राज्यपाल डॉ कृष्ण कान्त पाल ने अभिभाषण पढ़ा। अभिभाषण के बाद कांग्रेस के हंगामे के चलते स्पीकर ने सदन को तीन बजे तक स्थगित कर दिया।

इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि राज्य की मूलभूत चुनोतियो के समाधान व राज्य को उत्तरोत्तर विकास की ऊंचाइयों तक पहुंचाने के साथ ही स्वच्छ, पारदर्शी नीति को अपनाते हुए भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर अंतिम व्यक्ति को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास सरकार कर रही है। अभिभाषण में राज्य सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया गया। साथ ही भविष्य का खाका भी रखा गया।

गैरसैंण विधानसभा बजट सत्र राज्यपाल के अभिभाषण में 35 बिंदुओं पर फोकस किया गया।

  • अभिभाषण में गैरसैंण को प्राथमिकता दी गई।
  • भराड़ीसैंण गैरसैँण में मिनी सचिवालय के निर्माण के लिए 67.50 एकड़ भूमि हस्तान्तरित की कार्यवाही में तेजी लाने का जिक्र किया गया।
  • राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड में पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने और सिंचाई से किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सकारात्मक पहल की जा रही है।
  • उत्तराखंड के युवाओं को रोजगार देने और परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के प्रयास हो रहे हैं। मजबूत प्रशासनिक तंत्र को मजबूत पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की पहल की गई है।
  • लोक सेवकों के लिए स्वच्छ एवं पारदर्शी स्थानांतरण नीति, युवा वर्ग में विज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है।
  • समाधान पोर्टल के तहत स्मार्ट आईवीआर सिस्टम के माध्यम से शिकायतों को जल्द समाधान करने की पहल की जा रही है।

आपदा से बचाव और राहत कार्यों को लेकर राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में प्रमुखता रखी।

  • पारदर्शी आबकारी नीति के तहत जिले के स्थाई निवासियों को ही दुकानें आवंटित करने की पहल, राज्य स्तर पर उच्च कोटि की स्वास्थ्य सुविधा सुलभ कराने के लिए दुर्गम और दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की बात राज्यपाल ने कही है।
  • राष्ट्रीय खाद्य योजना के तहत परिवारों को चयनित करते हुए 13 लाख 3 हजार राशनकार्डों को ऑनलाइन किया गया है।
  • सरकार द्वारा विभिन्न विकास कार्यों का संपादन एवं ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायतों के माध्यम से विकास के कार्यों को मूर्त रुप दिया जा रहा है।
  • 15 हजार आंगनवाड़ी केंद्रों एवं 5 हजार मिनी आंगनवाड़ी केंद्र पर टेक होम राशन की व्यवस्था तथा हर दिन स्कूल में उपस्थित होने वाले 3 से 6 साल के बच्चों को मार्निंग स्नैक्स एवं ताजा पका भोजन उपलब्ध कराने की पहल सरकार ने की है।
  • वर्तमान में राज्य में 11 विश्वविद्यालयों एवं 18 अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के संचालन में छात्र छात्राओं को निशुल्क बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है।
  • क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने का काम सरकार कर रही है।
  • जीएसटी लागू करने में उत्तराखंड ने अग्रणी भूमिका निभाई।
  • उर्दू अकादमी एवं पंजाबी अकादमी द्वारा उत्कृष्ट पुरस्कार योजना सरकार संचालित कर रही है।
  • विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लगभग 11 सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में फलदार वृक्षों का वृक्षारोपण।
  • छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत अल्पसंख्यक समुदाय के ऐसे सभी छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति देने की व्यवस्था भी की गई।
  • अवस्थापना सुविधाओं का सृजन एवं खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए सरकार कई योजनाओं का संचालन कर रही है।
  • सांस्कृतिक धरोहर एवं संरक्षण संवर्धन तथा सर्वांगीण विकास के लिए नृत्य नाटक एवं लोक संगीत आदि का विकास
  • राज्य के परियोजनाओं कार्यों के अनुश्रवण के लिए मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के तहत समस्याओं का त्वरित निस्तारण किया जा रहा है।
  • औद्योगिक विकास के क्षेत्र में उच्च विकास दर पाने वाले सर्वोच्च राज्यों में से एक राज्य बना है उत्तराखंड।
  • वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में सरकार ने कई उपलब्धियां हासिल की।
  • प्रदेशवासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।

आगामी वित्तीय वर्ष का बजट वित्त मंत्री प्रकाश पंत 22 मार्च को सदन में पेश करेंगे।  अभिभाषण के दौरान स्थायी राजधानी को लेकर कांग्रेसी विधायकों ने हंगामा किया। कांग्रेसी विधायक नारेबाजी करते हुए बेल पर चले गए। वहीं धरने पर बैठ गए। इस बीच शोरशराबे के दौरान ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत लिखित पुस्तक मनसा वाचा कर्मणा उत्तराखंड उत्कर्ष का राज्यपाल डॉ केके पाल ने विमोचन किया। इससे पहले राज्यपाल को विधानसभा के सम्मुख गार्ड आफ आनर भी दिया गया।

सीएम ने कहा कि गैंरसेंण के मुद्दे पर कांग्रेस को बोलने का अधिकार नहींः भराड़ीसैंण में बजट सत्र से पहले ही राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस के हंगामे पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गैरसैंण के मुद्दे पर कांग्रेस को बोलने का अधिकार नहीं है। बजट सत्र में राज्यपाल करे अभिभाषण के दौरान कांग्रेसियों ने जमकर हंगामा किया था। इस दौरान कांग्रेसी विधायक बेल पर आ गए और नारे लगाते रहे। हंगामे के बीच ही अभिभाषण पूरा हुआ। इसके बाद सदन स्थगित कर दिया गया।

सदन स्थगित होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में सीएम ने कहा कि कांग्रेस को गैरसैंण मुद्दे पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। उत्तराखंड बनने के 17 सालों में 10 साल कांग्रेस ने सत्ता संभाली। तब गैरसैंण राजधानी को लेकर कांग्रेस को कभी याद नहीं आई। अब शोर शराबा कर कांग्रेस केवल जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश  कर रही है। अंतरात्मा से गैरसैंण के पक्ष में कभी भी  कांग्रेस ने पहल नहीं की।