रोडवेज बसों के लिए टायर नहीं मिल पाने से पिथौरागढ़ डिपो की 21 बसें फिर खड़ी हो गई हैं। इसका असर धारचूला, मुनस्यारी और मदकोट जैसे दूरस्थ क्षेत्रों से चलने वाली लंबी दूरी की सेवाओं पर पड़ा है।
पिथौरागढ़ डिपो इस समय 92 बसों का संचालन कर रहा है। पिछले कुछ समय से डिपो को समय पर टायर नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे बसों के संचालन में बाधाएं आ रही हैं। टायरों के अभाव में गुरुवार को डिपो की 21 बसों का संचालन नहीं हुआ। इनमें से अधिकांश लंबी दूरी की बस सेवाएं हैं। डिपो के फोरमैन ने बताया कि सेवाओं को बनाए रखने के लिए मदकोट-देहरादून, धारचूला- दिल्ली की सेवा बंद करनी पड़ी है। लंबी दूरी की सेवाएं जिला मुख्यालय से ही संचालित हो पा रही हैं। सेवाएं बनाए रखने के लिए लंबी दूरी से लौटने वाली बसों को तत्काल दोबारा वापस रू ट पर भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि बंगलुरू से डिपो के लिए टायर लाए जा रहे हैं। जिनके दो दिन के भीतर पिथौरागढ़ पहुंचने की उम्मीद है। टायर मिलने के बाद सभी रू टों पर सेवाओं का संचालन सामान्य हो जाएगा।
21 बसों के खड़े हो जाने से डिपो को हर रोज एक लाख रुपये से अधिक का नुकसान हो रहा है। दूरस्थ क्षेत्रों से रोडवेज बसें नहीं मिलने से यात्री परेशान और आक्रोश में हैं। नवचेतना मंच के चंद्रप्रकाश पुनेड़ा ने डिपो को नियमित टायरों की आपूर्ति किए जाने की मांग की है।