कोरोना संक्रमित उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और उनकी पत्नी एवं पूर्व मंत्री अमृता रावत को आज 17 दिन बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश से छुट्टी दे दी गई। चिकित्सकों ने फिलहाल अगले 14 दिन तक उन्हें गृह एकांतवास में रहने की सलाह दी है। उधर, सतपाल महाराज की नर्सरी में काम करने वाले बुजुर्ग माली की आज मौत हो गई, जो हाल ही में कोरोना को हराकर लौटा था।
पिछले महीने देहरादून स्थित एक निजी लैब में कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद सतपाल महाराज और उनकी पत्नी अमृता रावत, दो पुत्रों और बहुओं तथा एक पोते को 31 मई को एम्स में भर्ती किया गया था। एम्स के डीन अस्पताल प्रशासन प्रो. यूबी मिश्रा ने बताया कि एम्स में भर्ती होने के बाद दोनों का चिकित्सकों की निगरानी में इलाज किया जा रहा था। आज अस्पताल से डिस्चार्ज करने से पहले सतपाल महाराज और उनकी पत्नी अमृता रावत का दोबारा सैंपल लिया गया है, जिसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। चूंकि महाराज दम्पति कोरोना के नजरिये से माइल्ड एसिम्टोमेटिक थे, इसलिए दोनों को केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की गाइड लाइन के अनुसार मंगलवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। हालांकि इस दौरान उन्हें अगले 14 दिन तक गृह एकांतवास में रहने की सलाह दी गई है। उनके दो पुत्र, दो बहुओं और एक पौत्र को एम्स से 10 जून को ही डिस्चार्ज कर दिया गया था। वे सभी भी एसिम्टोमेटिक थे और उन्हें 14 दिन के लिए गृह एकांतवास में रहने की सलाह दी गई थी।
सतपाल महाराज के माली की मौत
उधर, सतपाल महाराज की नर्सरी में काम करने वाले 75 वर्षीय माली रतन बहादुर की आज मौत हो गई। वह सुबह नर्सरी में ही अपने बिस्तर पर मृत अवस्था में मिला। बुजुर्ग कोरोना संक्रमित था और छह दिन पहले ठीक होने के बाद वापस नर्सरी लौटा था। गौरतलब है कि सतपाल महाराज के परिवार के सदस्यों के अलावा उनके साथ काम करने वाले कई कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
रतन बहादुर सिक्किम का रहने वाला था और वह भी पहले कोरोना पॉजिटिव आया था, जिसके बाद उसे 31 मई को दून अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उपचार के बाद वह दस जून को अस्पताल से ठीक होकर नर्सरी लौटा था। बताया जा रहा कि वह नर्सरी में ही रहता था। रायपुर थाना क्षेत्र के नेहरू ग्राम स्थित सतपाल महाराज की नर्सरी में उसकी आज संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उसकी मौत की खबर लोगों को शाम को पता चली। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में सीएमओ और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जानकारी दे दी है। माली का शव शाम तक नर्सरी में पड़ा रहा। पुलिस के बार बार कहने के बावजूद एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। डीआईजी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि इस मामले में आगे की कार्रवाई के बारे में स्वास्थ्य विभाग को फैसला लेना है।