सीएजी ने उठाये ‘आकाश मिसाइल’ के परीक्षण पर सवाल

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भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने भारतीय वायुसेना की आकाश मिसाइल की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठाये हैं। सीएजी के अनुसार इनमें से एक तिहाई मिसाइलें टेस्ट में असफल हो गईं।सदन में रखी गई सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार इन मिसाइलों को ‘एस’ सेक्टर (उत्तर-पूर्व) में तैनात किया जाना था। यह काम 2013-15 के बीच ही हो जाना था लेकिन अभी तक वायुसेना ऐसा नहीं कर पाई है।
रिपोर्ट में मिसाइल के नाम की जगह ‘जेड’ लिखा हुआ है लेकिन सूत्रों के अनुसार यहां आकाश मिसाइलों की ही बात हुई है। नवंबर 2014 में एयरफोर्स के पास 80 मिसाइलें थीं जिनमें से 20 का परीक्षण किया गया था। इनमें से 6 यानी 30 फीसदी मिसाइलें परीक्षण में असफल रहीं।
रिपोर्ट के अनुसार प्रारम्भिक जांच में पता चला है कि असफल हुई मिसाइलों में से कोई अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाई तो किसी की रफ़्तार कम रही। यानी इन मिसाइलों में कई कमियां हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जरूररत के समय ये कमियां बेहद नुकसान पहुंचा सकती हैं।
ये मिसाइलें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से 3,619 करोड़ रुपये अदा करके खरीदी गईं थीं। इन्हें उत्तर-पूर्व में तैनात करने का निर्णय 2010 में लिया गया था। इन मिसाइलों की उम्र 10 साल तक होती है। रिपोर्ट की मानें तो इनमें से कई मिसाइलों का जीवन मार्च 2017 में ही समाप्त हो चुका है।