सीनियर भारतीय कनो सलालम टीमके लिए आयोजित 24 दिवसीय (7-30 जून 2018) प्राशिक्षण शिविर का औपचारिक उदघाटन कार्यक्रम,गबनी गावँ,चंद्रापुरी, रुद्रप्रयाग में आयोजित हुआ।स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा एशियाई खेल 2018 में भाग लेने जा रही है। पहली बार किसी खेल की राष्ट्रीय टीम का प्राशिक्षण केदारघाटी जैसे दूरस्थ स्थान पर हो रहा है। कैम्प का आयोजन इंडियन कयाकिंग एन्ड कैनोइंग एसोसिएशन की उत्तराखंड इकाई, उत्तरांचल कयाकिंग, कैनोइंग एन्ड राफ्टिंग एसोसिएशन कर रही है।
कार्यक्रम में विधायक केदारनाथ मनोज रावत व उत्तरांचल कयाकिंग, कैनोइंग एन्ड राफ्टिंग एसोसिएशन के सचिव मनोज रावत और जिला अधिकारी रुद्रप्रयाग ने टीम के कोचों व खिलाड़ियों से परिचय किया। परिचय के बाद खिलाड़ियों ने मंदाकिनी नदी की तेज धारा पर बन रहे रैपिड्स पर स्थापित किये गेटों को नदी की दिशा में और विपरीत दिशा में पार किया। कैम्प में साई के फ्रांस निवासी विदेशी कोच जिमी विरकोन, बरिष्ठ सहायक कोच देवेंद्र गुप्ता, कनिष्ठ सहायक कोच दिग्विजय सिंह की द्वारा 10 भारतीय टीम के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
ओलम्पिक खेलों में कनो सलालम की स्पर्धाओं में 4 स्वर्ण, 4 रजत और 4 कांस्य पदक हैं। कैनो और कयाक सलालम बहती हुई पहाड़ी नदी पर आयोजित होने वाला खेल है। उत्तराखंड में दर्जनों नदिया इस स्तर को पूरा करती हैं।
खिलाड़ियों के नाम
- प्रिंस
- विशाल
- राजा
- विश्वजीत
- धीरज
- राहुल त्रिलोक
- राहुल बलिराम ,
- चंपा
- आरती
- जान्हवी।
मनोज रावत, विधायक केदारनाथ एवं सचिव, उत्तरांचल कयाकिंग, कैनोइंग एन्ड राफ्टिंग एसोसिएशन ने कहा कि ”उत्तराखंड में वाइट वाटर करने वाले 200 से अधिक खिलाड़ी हैं। झारखंड राष्ट्रीय खेलों में भी सलालम का स्वर्ण पदक उत्तराखंड ने ही जीता था। अब एक बार फिर कैनो सलालम का प्राशिक्षण यंहा शुरू होने पर मुझे बिश्वास है कि 1 साल में इन खेलों के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी उत्तराखंड से पैदा होंगे।जिस मंदाकिनी नदी ने 2013 की आपदा में विध्वंस किया अब वही पावन ओर पवित्र मंदाकिनी खेल में स्वर्ण पदक और पर्यटन द्वारा रोजगार प्रदान करेगी।”