लाकडाउन के दौरान महामारी एक्ट में दर्ज मुकदमें होंगे वापस

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    कोरोना
    मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की पहली मंत्रिपरिषद की बैठक में आज दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। राज्य में कोविड काल में दर्ज मुकदमें को सरकार ने वापस ले लिया। साथ ही 2016 में बनाये गए विकास प्राधिकरण को समाप्त कर दिया गया।
    शुक्रवार रात मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में पहली कैबिनेट आयोजित हुई। मंत्रिमंडल की बैठक होने के बाद मुख्य साचिव ओमप्रकाश ने बीर्फिंग की। मुख्य साचिव ने बताया कि पहला निर्णय कोविड-19 के तहत लॉकडाउन अवधि के दौरान महामारी व आपदा प्रबंधन एक्ट में दर्ज हुई सभी मुकदमें वापस लिए गए हैं। दूसरा 2016 के बाद बने सभी प्राधिकरण का परीक्षण किया जाएगा। इस दौरान का कोई भी प्राधिकरण भवन का नक्शा 2016 का पास नहीं किया जाएगा। इन प्राधिकरण के परीक्षण के लिए एक मंत्रिपरिषद की उप समिति गठित की गई है। उप समिति के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत के साथ दो सदस्य बनाए गए हैं। सदस्य के रूप में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल एवं अरविंद पांडे को शामिल किया गया है।
    मुख्य साचिव ने बताया कि 150 राज्य के बाहर के व्यक्तियों पर मुकदमा दर्ज हुआ था जिसमें से कई केस पहले भी वापस लिये गए हैं। अब सभी मुकदमें को राज्य के अंदर और बाहर के व्यक्तियों पर महामारी और आपदा एक्ट को वापस लिया जाएगा।
    मुख्य साचिव ने कहा कि कुंभ का समय 01 अप्रैल से प्राम्भ होने का ही रहेगा। पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सरकार की सरकार के चार साल के कार्यकाल को वहीं रहेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कौन करेगा इसको लेकर तय किया जायेगा जबकि स्थल अन्य पर अभी कुछ बदलाव नहीं है। उन्होंने बताया कि 13 मार्च को कुंभ और चारधाम यात्रा को लेकर 14 मार्च को मुख्यमंत्री की मौजूदगी में बैठक आयोजित होगी।