भाजपा के एक और करीबी पर सीबीआई ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। देश की एक प्रतिष्ठित संस्था पतंजलि के महामंत्री पर लगभग एक दशक पूर्व फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाने की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई की टीम ने मंगलवार को हरिद्वार नगर निगम पहुंचकर आचार्य बालकृष्ण के जन्म प्रमाण पत्र की पत्रावली की जांच की। इससे पूर्व में पुलिस द्वारा की गई जांच में पत्रावली निगम दफ्तर से गायब बताकर अंतिम रिपोर्ट लगा दी गई थी।
आयुर्वेद योग के नाम से पूरी दुनिया में प्रसिद्धी पा चुके आचार्य बालकृष्ण फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में फंस गए थे। आरोप था कि इनका जन्म नेपाल में हुआ था। इन्होंने फर्जी रूप से अपना जन्म हरिद्वार दिखा रखा है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है। नगर निगम के दफ्तर से जन्म प्रमाण की फाइल गायब हो जाने के बाद जांच अधर में लटक गयी थी। पुुलिस ने जांच कर एफआर लगा दी थी, जबकि इनका जन्म स्थान नेपाल में होने का दावा करने वाले ने पासपोर्ट में गलत जन्म स्थान देने की शिकायत की थी। पूरे मामले में जांच सीबीआई टीम को सौंपी गयी थी।
दरअसल पासपोर्ट में जन्म स्थान को गलत दर्शाने के बाद किसी ने पासपोर्ट बनाने में धोखाधड़ी करने का मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गयी थी। सीबीआई टीम सोमवार को अचानक नगर निगम पहुँच गई और अधिकारियों व बाबुओं से पूछताछ करने के बाद टीम लौट गयी। सीबीआई टीम के तीर्थनगरी में आकर एक दशक पुराने मामले की जांच करने फिर शुरू करने से हड़कम्प मच गया है। वहीं दबी जवान में लोगों का कहना है कि कही अगला नम्बर इन्ही का तो नहीं।