पिथौरागढ़, पिथौरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार चंद्रा पंत और कांग्रेस के अंजू लुंठी ने पार्टी की ओर अधिकृत रूप से पर्चा दाखिल किया, मंगलवार को सपा उम्मीदवार मनोज भट्ट ने नामांकन कराया है। अभी तक तीन प्रत्याशियों ने अपना नामांकन कराया है। वित्त मंत्री स्व. प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ विधान सभा सीट पर 25 नवंबर को उपचुनाव होना है।
भाजपा उम्मीदवार चंद्रा पंत के नामांकन के समय उनके साथ सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री व सासंद अजय टम्टा, भूपेष पंत,गीता पंत,कैलाश पंत व किरन बिष्ट मालदार मौजूद रहे। इससे पूर्व भाजपा कार्यकर्ता उम्मीदवार चंद्रा पंत के समर्थन में संपूर्णांनद पार्क में सभा आयोजित हुई। फिर वहां से एक जुलूस के रूप में नामांकन के लिए रवाना हुए। इसमें सांसद अजय टम्टा चुनाव संयोजक व प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी, प्रदेश उपाध्यक्ष केदार जोशी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल राजू भण्डारी, जिलाध्यक्ष वीरेंद्र वल्दिया नगरपालिका अध्यक्ष राजेंद्र रावत सहित अन्य उपस्थित रहे।
कांग्रेस कार्यकर्ता तिलढुकरी स्थित कार्यालय में एकत्र हुए और सिल्थाम, पुरानी बाजार होते हुए कलक्टेट नामांकन कराने पहुंचे। जहां से कांग्रेस उम्मीदवार अंजू लुंठी ने ढोल नगाड़ों व जुलूस के साथ कलक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन किया। वहीं इस दौरान पूर्व विधायक मयूख महर,पूर्व नपा अध्यक्ष जगत सिंह खाती,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रकाश जोशी शामिल रहे।
भाजपा ने इस सीट पर स्वत्र प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस भी महिला उम्मीदवार अंजू लुंठी को पर दांव खेला है जो पूर्व में ब्लॉक प्रमुख भी राह चुकी हैं। वर्तमान में जिला पंचायत पिथौरागढ़ की निर्विरोध सदस्य निर्वाचित हुई हैं।
कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर इंदिरा हृदेश ने पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं व पिथौरागढ़ के पार्टी नेताओं से व्यापक विचार विमर्श के बाद यह निर्णय किया है। कांग्रेस उपचुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देगी और विजय हासिल करेगी।
महिला उम्मीदवार से चुनाव रोचक
उपचुनाव में दोनों राष्ट्रीय दलों की ओर से महिला उम्मीदवार मैदान में होने से रोचक मुकाबला होने के आसार बढ़ गए हैं। माना जा रहा था कि कांग्रेस की ओर से मयूख महर मैदान में आते है काटे की टक्कर हो होंगी लेकिन ऐन मौके पर मयूख चुनाव लड़ने से मना कर दिया। मयूख वहां से विधाकय पर रह चुके है। लेकिन उकने मना करने के बाद कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व बड़ी मुश्किल से उम्मीदवार का चयन किया। अब देखना है कि चुनाव में कांग्रेस भाजपा को कैसे पटखनी देगी। संगठन की दृष्टि से मजबूत भाजपा इस चुनाव का हर हाल में जीतना चाह रही है। यही कारण है कि नामांकन के बाद आठ नवम्बर को प्रदेश अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय सह महामंत्री शिवप्रकाश कैम्प कर पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करेंगे। कांग्रेस की आपसी गुटबाजी और कमजोर संगठन इस रण कौ कैसी फतह करेगी चिंता का विषय पार्टी नेतृत्व को बना हुआ है।