नगर निगम की बोर्ड बैठक में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। हंगामा कर रहे पार्षदों ने पूर्व बैठकों में पारित प्रस्तावों पर कार्रवाई नहीं होने का आरोप लगाते हुए बैठक के एजेण्डा की प्रति भी फाड़ दी। हंगामे के दौरान महिला पार्षद ने वार्डों की समस्याओं का निदान नहीं होने का आरोप लगाते हुए धरना देकर बैठ गई।
धरने पर बैठी महिला पार्षद अन्नू मेहता, एकता गुप्ता, रेनू अरोड़ा व बबीता वशिष्ठ का कहना है कि अधिकारी उनके वार्डों की कोई सुध नहीं ले रहे हैं। सफाई जैसी मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए भी अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं। वार्डों के विकास के लिए दिए प्रस्तावों पर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। महिला पार्षदों के समर्थन में भाजपा पार्षद सुनील गुड्डू ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि विवश होकर महिलाओं को बोर्ड बैठक के दौरान जमीन पर बैठकर विरोध जताना पड़ रहा है। लेकिन अधिकारी जनसमस्याओं के समाधान में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। मेयर भी महिला पार्षदों की समस्याओं के समाधान में खरी नहीं उतर रही हैं।
बैठक के दौरान कांग्रेस पार्षद अनुज सिंह ने भी अधिकारियों के समक्ष टैक्स के मुद्दे को उठाया। अनुज सिंह ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में अवैध कब्जाधारियों की बिल्डिगों पर गलत तरीके से टैक्स लगाकर अधिकारी बड़ी गलती कर रहे हैं जिसका खामियाजा नगर निगम को ही भुगतना पड़ेगा। पार्षद अनिरुद्ध भाटी व विनीत जौली ने कहा कि पार्षदों की समस्याओं का निराकरण किया जाना जनहित में जरूरी है। पार्षद कैलाश भट्ट, इसरार अहमद, सुहेल अख्तर ने भी सदन में हंगामा कर रहे भाजपा पार्षदों की कार्यशैली को सोची समझी साजिश बताया। कहा कि मेयर को बदनाम करने की नीयत से इस तरह के काम पार्षद कर रहे हैं।
पार्षद अनुज चौहान, मेहरबान खान ने कहा कि बोर्ड बैठक में प्रस्तावों पर सहमति तभी बन सकती है जब एक साथ सभी एकमत हों। नगर निगम में इंजीनियरों व जेई के पद रिक्त होने की वजह से प्रस्तावों में काम नहीं हो पा रहा है। बोर्ड बैठक में केआरएल की पेमेंट, मलिन बस्तियों पर टैक्स व नगर निगम की आय के स्रोत बढ़ाने पर भी पार्षदों ने अपने अपने विचार रखे। लेकिन कुछ पार्षदों के ज्यादा हंगामे के कारण बोर्ड बैठक में मेयर अनीता शर्मा व अधिकारी असहज नजर आए।