चारधाम यात्रा शुरू, एसओपी जारी

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उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने चारधाम यात्रा के संबंध में हाई कोर्ट के फैसले के बाद 18 सित्मबर से यात्रा संचालन को लेकर राज्यपाल से स्वीकृति मिलने बाद मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) को जारी कर दी गई है। केरल,महाराष्ट्र और आन्ध्रप्रदेश से आने वाले यात्रियों को दोनों डोज के साथ 72 पूर्व कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट अनिवार्य है।

पर्यटन विभाग की ओर से शुक्रवार शाम जारी एसओपी के मुताबिक, चारधाम यात्रा केदारनाथ,बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण और ई-पास अनिवार्य किया गया है। इस दौरान कोरोना बचाव मानको, सामाजिक दूरी, मास्क, सेनिटाईज तथा थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही इसके साथ ही कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज या कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट भी जरूरी है।

आंध्र, महाराष्ट्र और केरल से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए वैक्सीन की दोनों डोज के बावजूद कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट साथ लाना जरूरी है। बदरीनाथ में प्रतिदिन 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी गई है।यात्रा के दैरान सरकारी विभाग, एजेंसियों, आवासीय सुविधा, रेस्टोरेंट,ट्रेवल सहित भी हितग्राहियों को नियमों का पालन करना होगा।

प्रत्येक तीर्थयात्रियों को पंजीकरण/यात्रा ई-पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। इस पर अपनी आईडी प्रुफ एवं कोविड नैगटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट अपलोड करना होगा। बच्चों एवं बीमार, एवं अति बृद्ध जो बीमारी से ग्रस्त हैं उन्हें यात्रा के लिए अनुमति नहीं हैं।

प्रदेश से बाहर के सभी व्यक्तियों को उत्तराखंड देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। जबकि राज्य के भीतर के व्यक्तियों को पंजीकरण की आवश्यक्ता नहीं है। चारधाम यात्रा के दौरान मंदिर के दर्शन के दौरान देवस्थानम बोर्ड की अधिकारिक बेवसाईट से अनिवार्य ई-पास निर्गत किया जाएगा।मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में तीन श्रद्धालु ही प्रवेश करेंगे।

सामाजिक दूरी छह फिट का पालन करते हुए दर्शन करेंगे। मंदिरों की साफ सफाई दिन में कम से कम तीन बार की जाएगी। कालीन, चादरों को नियमित सफाई के साथ सैनेटाईजेशन किया जाएगा।

चारधाम यात्रा में यात्रियों को सुविधाएं के लिए चिकित्सिय सुविधा उपलब्ध रहेगी। इसके साथ आपातकालीन हेल्पलाईन नंबर 108 और 104 भी उपलब्ध रहेगा। मंदिर में किसी भी प्रकार का प्रसाद चढ़ावा और वितरण की अनुमति नहीं है। तप्तकुंडों में स्नान भी वर्जित रहेगा। यात्रियों को एक रात्रि प्रवास एक रात ही होगी। विशेष परस्थितियों में जिला प्रशासन की अनुमति पर बढ़ाया जाएगा।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि तीर्थ यात्री देवस्थानमों की पूजाओं में सामाजिक दूरी के साथ शामिल होंगे लेकिन उन्हें मंदिर के गर्भ गृहों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। किसी भी सहायता एवं मार्गदर्शन के लिए देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों कर्मचारियों से संपर्क किया जा सकता है।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि इस यात्रा वर्ष केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई, बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई, यमुनोत्री धाम के 14 मई,श्री गंगोत्री के धाम के 15 मई को खुले। अभी भी चारधाम यात्रा के लिए डेढ़ से दो महीने का समय शेष है।

चारधाम यात्रा शुरू होते ही तीर्थ यात्री पंच बदरी तथा पंच केदारों में द्वितीय केदार मद्महेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ एवं चतुर्थ केदार रूद्रनाथ यात्रा के लिए भी पहुंचेगे।महामारी को देखते हुए उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान अभी तक चारधाम यात्रा स्थगित रही इस दौरान चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए राज्य सरकार एवं देवस्थानम बोर्ड की पहल पर उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा की अनुमति दे दी। अभी चारधाम यात्रा नवंबर मध्य तक चलेगी। जिसका आम जनमानस द्वारा स्वागत किया जा रहा है।