(ऋषिकेश) रसोंई गैस की एक्सपायरी के बारे में बेहद कम उपभोक्ता जानते हैं, लेकिन इसकी जानकारी उतनी ही जरूरी है जितनी की रसोई गैस के सिलेंडरों में घटतोली के बारे में उपभोक्ताओं को होनी चाहिए। यदि आप गैस एजेंसी से रसोई गैस ले रहे हैं,अथवा होम डिलीवरी के जरिये आपके घर रसोई गैस पहुचाई जा रही है तो सिलेंडर में अंकित एक्सपायरी डेट देखना न भूलें। क्योंकि एक्सपायरी निकलने पर यह सिलेंडर आपके लिए खतरा साबित हो सकता है।
देखने में आया है कि अधिकांश उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी ही नहीं होती और इसका खामियाजा उन्हें जान को जोखिम में डालकर उठाना पड़ता है। दरअसल, प्रत्येक गैस सिलेंडर में गैस भरने के बाद उसकी टेस्टिंग के लिए एक समय सीमा निर्धारित होती है। इस सीमा के बाद सिलेंडर में गैस होने पर इसे मानकों के अनुरूप सुरक्षित नहीं माना जाता है। क्योंकि एक्सपायरी के बाद सिलेंडर में लीकेज व अन्य खामी की आशंका रहती है और सिलेंडर फटने का डर रहता है। ऐसे में इन सिलेंडरों की तेल कंपनियों को दोबारा टेस्टिंग करानी होती है।
टेस्टिंग के बाद सिलेंडर में नई तिथि अंकित की जाती है। लेकिन, कई बार देखने में यह आया है कि कंपनियां एक्सपायरी सिलेंडरों की टेस्टिंग किए बिना ही गैस एजेंसियों को डिलीवरी देती हैं। इससे एजेंसी भी सीधे सिलेंडरों को उपभोक्ताओं को पहुंचा देती हैं। सिलेंडर फटने की कई घटनाओं में यही कारण सामने आ चुका है। इसे लेकर उपभोक्ताओं को भी खास जागरूक होने की आवश्यकता है।
एक्सपायरी जांचने का तरीका
सिलेंडर के ऊपरी हिस्से में यह तिथि कोड भाषा में अंकित होती है। इसमें महीनों को ए, बी, सी या डी के रूप में दर्शाया जाता है। ए मतलब प्रथम तीन महीने जनवरी से मार्च, इसी तरह बी का आशय अप्रैल से जून, सी का आशय जुलाई से सितंबर व डी का आशय अक्टूबर से दिसंबर से होता है। इंग्लिश के कोड के साथ इसी तरह दो अंक भी दर्ज होते हैं। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि डिजिट 18 है तो इसका मतलब होता है 2018। ऐसे ही 19 का आशय 2019 से होगा।
ऋषि गैस एजेंसी के संचालक जगमोहन सकलानी का कहना है ।कि उनके द्वारा घरों में की जाने वाली गैस सिलेंडर की डिलीवरी के दौरान उपभोक्ताओं को बार-बार आगाह किया जाता है कि वह गैस सिलेंडर को पूरी तरह जांच करने के बाद ही प्राप्त करें यदि कोई शिकायत हो तो वह चीजें एजेंसी के प्रबंधक को भी फोन द्वारा सूचित कर सकते हैं।