राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने रविवार को राजभवन में आयोजित समारोह में उत्तराखंड हाई कोर्ट के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी को पद की शपथ दिलाई।
इसके पहले मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राष्ट्रपति की ओर से जारी मुख्य न्यायाधिपति जस्टिस आरएस चौहान की स्थानांतरण की अधिसूचना पढ़ी। शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अन्य अधिकारी गण मौजूद रहे।
रितु बाहरी उत्तराखंड हाई कोर्ट की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश होंगी। इससे पूर्व में वे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की वरिष्ठ न्यायाधीश और कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थीं।
पंजाब के जालंधर में 1962 में जन्मीं रितु बाहरी ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ में की और 1985 में पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री हासिल की। 1986 में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में वकालत आरंभ की। इसके बाद हरियाणा एडवोकेट जनरल कार्यालय में अपनी सेवाएं दीं। 16 अगस्त, 2010 को उन्हें पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था।
रितु बाहरी पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट की पहली महिला कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस थीं। उन्होंने 14 अक्टूबर 2023 को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का चार्ज लिया था। 1986 में वह पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट की दूसरी वरिष्ठतम जज थीं। जस्टिस रितु बाहरी के पिता जस्टिस अमृत लाल बाहरी भी पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में जज रह चुके हैं।
उन्होंने 24 वर्षों की अपनी प्रैक्टिस के दौरान हरियाणा के लिए सहायक महाधिवक्ता, उप महाधिवक्ता और वरिष्ठ उप महाधिवक्ता के रूप में भी काम किया था। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर जारी एक बयान में, एससी कॉलेजियम ने कहा है कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपने 13 वर्षों के कार्यकाल के दौरान उन्होंने 843 रिपोर्ट किए गए निर्णय लिखे, जिनमें से 247 पिछले पांच वर्षों के दौरान दिए गए हैं।
इसमें कहा गया है, ”उन्होंने देश के सबसे बड़े उच्च न्यायालयों में से एक में न्याय देने का व्यापक अनुभव हासिल किया है। वह उच्च स्तर की ईमानदारी, आचरण और चरित्र से संपन्न एक सक्षम न्यायाधीश हैं। न्यायमूर्ति बाहरी की पदोन्नति से उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा।”