गैरसैण में चल रहे बजट सत्र के दौरान आज मुक्यमंत्री ने आम बजट पेश किया साथ ही गैरसैण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भी घोषित कर दी। उत्तराखंड प्रदेश में आज सरकार ने ग्रीष्मकालीन राजधानी के तौर पर चमोली जिले के गैरसैण को हरी झंडी दे दी, अब से गैरसैण उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी होगी, मगर पिछले 20 वर्षों से उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जिसकी अपनी स्थाई राजधानी नहीं है, देहरादून को अस्थाई राजधानी के तौर पर ही इस्तेमाल किया जाता है।
ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होते ही प्रदेश में लोगो ने मुक्यमंत्री को उनके इस निर्णय के लिये बधाइयां भी दी, अब कयास ये भी लगाये जा रहे है क़ि गैरसैण के बाद अब देहरादून ही शायद स्थाई राजधानी होगी पर इस पर अभी कोई आधिकारिक बयान नही आया है ।
उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य है जिसकी अपनी स्थाई राजधानी नहीं पर ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित हो गयी है, जिस पर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। उत्तराखंड में काफी समय से राजधानी की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे है पर मुक्यमंत्री ने ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर थोड़ा सा उन लोगो की उम्मीदे बढ़ा दी है, जो काफी समय से गैरसैण राजधानी के लिये आंदोलनरत थे। इस निर्णय को प्रदेश के लिए ऐतिहासिक निर्णय बताया और कहा कि जनभावनाओं को देखते हुवे यह निर्णय लिया गया है प्रदेश की जनता चाहती थी कि इस तरह के फैसले लिये जाय।
सरकार के इस निर्णय का जहा काफी लोग सराहना कर रहे है तो वहीँ राजधानी निर्माण के लिए पिछले 500 दिन से धरना दे रहे लोगो ने भी मुक्यमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि राजधानी निर्माण में यह पहला कदम है और ये उनके संघर्ष की जीत है पर जब तक गैरसैण को स्थाई राजधानी घोषित नहीं किया जाता तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
वही सरकार के इस निर्णय को विपक्ष ने हड़बड़ी में लिया निर्णय कहा और हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री, ने कहा कि ये एक घबराई और हड़बड़ाई सरकार का निर्णय है औऱ जब प्रदेश की स्थायी राजधानी का ही पता नही तो फिर ये ग्रीष्मकालीन राजधानी का क्या फायदा,अगर गैरसेंण ग्रीष्मकालीन राजधानी है तो स्थाई राजधानी कहाँ है औऱ ये निर्णय ऊपर वाले ने कांग्रेस के लिए रखा है और कांग्रेस गैरसेंण को स्थायी राजधानी घोषित करेगी।
इसके अलावा बजट भी पेश किया, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने इस बजट को बनाने के लिए सैकड़ों लोगों से सुझाव प्राप्त किए थे और यह बजट आम आदमी की अपेक्षा के अनुरूप है।त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अगले बरस पलायन रोकथाम योजना सहित कई नई योजनाएं लागू की जाएगी। इसके साथ ही पर्वतीय किसानों की कृषि के लिए सर्वेक्षण सहित रोजगार सृजन और मुख्यमंत्री कृषि विकास योजनाएं जैसी योजनाएं शुरू की जाएंगी।पलायन रोकने के लिए होम स्टे योजना के लिए बजट में 1150 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
वर्ष 2020 21 के लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 53,526 करोड़ रुपए का बजट पेश किया।हरिद्वार महाकुंभ के लिए इस वित्तीय वर्ष में 12 से 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत 450 करोड रुपए के स्थाई कार्य होंगे साथ ही अस्थाई कार्य किए जाएंगे।रिस्पना और कोसी नदी के प्रदूषण को दूर करने के लिए सरकार ने दो योजनाएं मंजूर की है।जिसमें रामनगर में 54 करोड़ और देहरादून में ₹60 करोड़ की 2 परियोजनाएं शुरू की जायेगी ।जॉली ग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए बजट ₹295 की व्यवस्था की गई है।इसके साथ ही श्रीनगर, नई दिल्ली, अल्मोड़ा, हल्द्वानी, पिथौरागढ़, धारचूला में जिला हैली सेवाएं शुरू की जाएंगी।आपदा प्रबंधन के लिए ₹864 की व्यवस्था की गई है। इस बजट सत्र से तीन लाख से ज्यादा छात्रों के लिए स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था तथा 5000 कंप्यूटर की आपूर्ति भी की जाएंगी।