सूबे के मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से सरकार के खजाने और राजस्व को बढ़ाने की तरकीबें निकालने की हिदायत दी हैं। ये बात त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक मं साफ की।
वित्त और वाणिज्य कर विभागों की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के वित्तीय संसाधनों को बढ़ाया जाय।जिसमें खास ध्यान वन और खनन से आने वाली कमाई को बढ़ाने पर रहे। मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में निर्देश दिये है कि राजस्व प्राप्ति के लिये जिम्मेदार सभी विभागों में ईमानदार एवं पारदर्शी तरीके से काम किया जाय और इसमें कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। इसके साथ ही:
- स्वरोजगार को बढ़ावा दे, पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकें
- युवाओं को रोजगार देना सरकार की प्राथमिकता है।
- स्किल डिवेलपमेंट और ट्रेनिंग पर ध्यान दिया जाय।
- शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा की ईकाइयों को और प्रभावी बनाने के लिये एक कमेटी बनाकर रिपेार्ट तैयार की जाये।
- डिजिटल बैंकिंग और कैशलेस अभियान, भीम ऐप और भीम आधार ऐप के प्रयोग को प्रोत्साहित किया जाय।
साल 2015-16 में राज्य का कुल खर्चा 29.6 हजार करोड़ रूपये रहा जबकि कुल कमाई 28.6 हजार करोड़ रूपये। राज्य पर कुल कर्विजा 39.03 हजार करोड़ रूपये है जो केंद्र सरकरा के तय मानकों से 25 प्रतिशत कम हैं। साल 2015-16 में राज्य का प्लैनड खर्च 10.58 हजार करोड़ रूपये और नोन प्लैन्ड खर्च लगभग 19 हजार करोड़ रूपये था। वर्ष 2015-16 में राज्य का कर राजस्व 9378 करोड़ रूपये तथा टैक्स के बाद राजस्व 1219 करोड़ रूपये था। जहां एक तरफ मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के कमाई के साधनों में इज़ापा करने की हिदायत दी है वहीं सरकार के सामने गैर ज़रूरी और फिजूलखर्ची को रोकना भी एक बड़ी चुनौती होगी।