मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरदा टैक्स व भ्रष्टाचार के आरोपों पर प्रधानमंत्री को खुली चुनौती देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार सीबीआई या अन्य एजेंसियों से मेरे खिलाफ जांच करा ले, अगर दोष साबित हुआ तो सजा भुगतने को तैयार हूं।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पीएम के भाषण में धमकाने की शैली में प्रधानमंत्री की गरिमा को ख्याल नहीं रखा जा रहा है। उन्होंने पीएम को चुनौती देते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के कार्यरत जज या सी.बी.आई. को लगाकर उनकी सरकार पर लगे तमाम आरोपों की जॉच छह महीने के अंदर कराई जाये। अगर किसी भी मामले में मेरे खिलाफ कोई शिकायत मिलती है तो सजा भुगतने को तैयार हूं। अगर ऐसा नही हुआ तो खुद पीएम को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
पूर्व प्रधानमंत्री के नाम से वोट मांगने पर भी हरदा तंज कसते हुए कहा कि मोदी जी अपनी पूरी कैबिनेट को लेकर स्ंघीये ढ़ाचे को अपमान करते हुए छोटें से राज्य और मुझ जैसे अदने कार्यकर्ता पर टूट पड़े हैं । चुनाव को प्रधानमंत्री ने अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बनाकर तमाम भ्रष्टाचारी, घोटालेंबाजों के लिए वोट मांग रहे हैं ।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 18 मार्च 2016 को धनबल से उनकी सरकार को गिराने व दलबदल का पाप करने के बाद मोदी जी को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का नाम से वोट मांगने का अधिकार नहीं रहा है।
चुनाव को हरीश रावत बनाम मोदी बनाने पर उन्होने कहा कि मेरी पूंछ में आग लगाकर भाजपा अपनी लंका में आग लगाने को तैयार बैठी है। भूतपूर्व सैनिक, सैनिकों व जनता को गुमराह कर हजारों करोड़ रुपये खर्च कर सत्ता में काबिज होने का प्रयास को जनता सफल नहीं होने देगी।