(देहरादून) मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार नगर निगम अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए जनपद हरिद्वार में कूड़ा निस्तारण शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
सोमवार को सचिवालय में जनपद हरिद्वार के सौन्दर्यीकरण एवं हरितीकरण के संबंध में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि शहर में कूड़ा निपटान की व्यवस्था समय सुनिश्चित न कि गई तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता अभियान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। समय कूड़ा निपटान व सार्वजनिक स्थलों की सफाई में जरा सी भी लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनहित के कार्यो में अधिकारी जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करे तथा सहयोगात्मक रवैया अपनाए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार को जनपद हरिद्वार के बाहरी क्षेत्रों में बूचड़खानों से निकलने वाले खून व मांस को नालों में सीधा प्रवाहित करने की घटनाओं पर कड़ाई से रोक व सख्त निगरानी के निर्देश दिए। स्थानीय लोगों की शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार को बरसात के दौरान सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान्ट के बन्द होने की घटनाओं के जांच के आदेश दिए। उन्होंने नालों को एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट) से जोड़ने व सफाई सुनिश्चित करने हेतु तत्काल टेक्निकल सर्वे व अन्य प्रकरणों के निपटान के लिए निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमें 2021 हरिद्वार कुंभ से पूर्व राज्यभर के लगभग 135 नाले जिसमें कि 23 हरिद्वार में स्थित है की स्वच्छता व पुनर्जीवीकरण सुनिश्चित करना हैं। उन्होंने आगामी हरिद्वार कुंभ से पूर्व गंगा को निर्मल बनाये जाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि नालों की साफ-सफाई व ठोस अपशिष्ट के प्रबन्धन हेतु दीर्घकालीन योजनाओं के साथ तत्काल प्रभाव वाली लघुकालीन योजनाओं पर भी कार्य करने की जरूरत है।
बैठक में परमार्थ निकेतन द्वारा चन्द्रेश्वर नाले को मात्र 5 दिन के बहुत कम अवधि में स्वच्छ व सौन्दर्यीकृत किए जाने के सफल प्रयास पर एक प्रस्तुतिकरण दिया गया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अधिकारियों द्वारा परमार्थ निकेतन के उक्त प्रयास को पाइलेट प्रोजेक्ट के रूप में अन्य नालों के ट्रीटमेन्ट व सौन्दर्यीकरण के लिए भी क्रियान्वित किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि इस प्रोजेक्ट को लागू करने हेतु शीघ्र ही टेक्निकल सर्वे करवाया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जब तक राज्यभर के नालों के ट्रीटमेन्ट के लिए सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट स्थापित नही कर लिए जाते विभिन्न नालों के तत्काल ट्रीटमेन्ट के लिए चन्द्रेश्वर नाले में किए गए सफल प्रयास को क्रियान्वित करने के संभावनाओं पर कार्य किया जाए।
बैठक के दौरान प्रशासन व सीएसआर फण्ड के सहयोग से जनपद हरिद्वार में विभिन्न घाटों के पुनर्विकास व सौन्दर्यीकरण, योगा पार्क विकसित करने, विभिन्न सड़कों, प्रवेश द्वारों व कुंडों के सौंदर्यीकरण, वृक्षारोपण, मल्टीलेवल पार्किंग विकसित करने पर चर्चा की गई। बैठक में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, विधायक आदेश चौहान, स्वामी यतीश्वरानन्द, देशराज कर्णवाल, प्रदीप बत्रा, संजय गुप्ता, प्रमुख सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, सचिव अरविंद ह्यांकी, जिलाधिकारी हरिद्वार दीपक रावत, परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानन्द मुनि समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।