उत्तरकाशी, जैसे ही एक बार चारधाम की भागदौड़ खत्म हो जाती है वैसे ही सर्दियों के मौसम का एडवेंचर शुरु हो जाता है। उत्तरकाशी से संबंध रखने वाले, तिलक सोनी एक ऐसे व्यक्ति हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों में अनुभव रखते है, एक पर्वतारोही होने के साथ-साथ एक एडवेंचरिस्ट है और साथ ही एक इंट्रप्रेन्यौर हैं जो सर्दियों के मौसम में अपने काम में और व्यस्त हो जाते हैं। विंटर एडवेंचर और वैकल्पिक पर्यटन में ‘वेयर ईगल्स डेयर’ बैनर के तहत, तिलक सोनी अपने गरुडं, उनकी रॉयल एनफील्ड बाइक को फिर से तैयार कर लिया है और अपनी टीम के सदस्यों के साथ एक अलग यात्रा शुरू करने के लिए एकदम तैयार है, जिसे स्नो-स्टॉर्म कहा जाता है।
सोनी कहते हैं कि, “सर्दियों में जब सारे पहाड़ बर्फ की चादर से ढके होते हैं, बाइक चलाना जोखिम भरा जरुर होता है, लेकिन इसी रोमांच के लिये हम ये राइडिंग करते हैं।”
आने वाली जनवरी में तिलक उन जगहों पर सवारी करने वाले हैं जहां लोग पैर रखने में भी कतराते हैं। आने वाली सर्दियों के मौसम में 6 जनवरी से, बद्रीनाथ टूर ग्रुप देहरादून से यात्रा पर निकलेगा और 765 किमी की दूरी तय करेगा। टीम में मैकेनिक, कुक और सपोर्ट टीम सहित करीब 25 सदस्य शामिल होंगे।
यह यात्रा उन्हें उत्तराखंड में भगवान विष्णु के उच्चतम मंदिर में यानि की बद्रीनाथ ले जाएगा, फिर माणा, भारत के आखिरी गावँ जहां वे केशव प्रयाग में अलकनंदा और सरस्वती के संगम के साक्षी होंगे, और फिर 9 जनवरी को यह यात्रा ऋषिकेश में खत्म हो जाएगी।
इस यात्रा में अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षकों द्वारा एक पूरी वर्कशॉप होगी, जिसमें बाइकिंग, राइडिंग, मौसम पढ़ने, सरवाइवल स्कील से लेकर हर तरह की जानकारी होगी जिससे राइडर को मदद मिलेगी।
सोनी याद करते हुए कहते हैं, “2017 में मेरे अधिकांश सवारों ने पहले दिन बर्फ पर स्कीड किया लेकिन सवारी और ट्रेनिंग करने के बाद वापस रास्ते पर किसी ने स्कीड नहीं किया! सवारों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है,” जिन्हें फिनिश लाइन पर एक प्रमाण पत्र से नवाज़ा जाता है, जिसमें ‘एक्सट्रीम वेदर राइडर का सर्टिफिकेट दिया जाता है, जो राइडर के लिए एक बड़ी बात है।
अगर आप रोमांच और जोखिम से भरे सफर में भाग लेना चाहते है तो इंतजार किस का? जनवरी 2019 में होने वाले “स्नोस्टॉर्म” के लिये पहुंचे।